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बृहस्पति के चंद्रमा पर फटा ज्वालामुखी:  नासा ने वीडियो जारी किया; इस पर 400 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी, ये सौरमंडल में सबसे ज्यादा

बृहस्पति के चंद्रमा पर फटा ज्वालामुखी: नासा ने वीडियो जारी किया; इस पर 400 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी, ये सौरमंडल में सबसे ज्यादा


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3 घंटे पहले

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नासा ने बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा Io से निकलते ज्वालामुखी का वीडियो जारी किया।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के तीसरे सबसे बड़े चंद्रमा IO पर हुए ज्वालामुखी विस्फोट का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो को नासा ने अपने जूनो मिशन के स्पेसक्राफ्ट से रिकॉर्ड किया है। वीडियो को स्पेस एजेंसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

इस वीडियो में चंद्रमा IO की सतह से लावा निकलता दिख रहा है। IO को हमारे सौरमंडल का सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी वाला चंद्रमा माना जाता है। इसकी सतह पर 400 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिनमें लगातार विस्फोट होते रहते हैं और लावा निकलता है।

नासा के जूनो मिशन की रिसर्च से IO पर होने वाली ज्वालामुखी गतिविधियों के 44 साल पुराने रहस्य को समझने में मदद मिली है। IO पर ज्वालामुखी विस्फोट की पहली तस्वीर 1979 में ली गई थी। यहां कई तालाब हैं जिनमें पिघला हुआ लावा मौजूद है।

वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली ने पहली बार चंद्रमा IO का पता लगाया था।

वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली ने पहली बार चंद्रमा IO का पता लगाया था।

कितना शक्तिशाली है आईओ ?

बृहस्पति के चंद्रमा IO पर फटने वाला ज्वालामुखियों का लावा, मैग्मा के सागर की जगह मैग्मा चैंबर्स से निकलता है। नेचर डॉट कॉम के मुताबिक इसकी सतह पर फटने वाले ज्वालामुखिओं की वजह से इसका आकार बदलता रहता है।

IO की पहली बार खोज सन 1610 में वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली ने की थी। हालांकि इस पर ज्वालामुखी के सक्रिय होने के पता 1979 में वैज्ञानिक लिंडा ए. मोराबितो ने लगाया था।

जूनो मिशन के प्रमुख रिसर्चर स्कॉट बोल्टन ने कहा कि लिंडा की खोज के बाद से ही वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर जिज्ञासा थी कि IO की सतह से लावा कैसे निकल रहा है।

वैज्ञानिक लिंडा ए. मोराबितो ने चंद्रमा Io पर हुई हलचल का पता पहली बार लगाया था।

वैज्ञानिक लिंडा ए. मोराबितो ने चंद्रमा Io पर हुई हलचल का पता पहली बार लगाया था।

कैसे हुआ आईओ का निरीक्षण ?

चंद्रमा IO के ज्वालामुखी से निकलते लावा की पहली तस्वीर नासा के अंतरिक्ष यान वॉयजर 1 ने 1979 में ली थी। चंद्रमा IO बृहस्पति की एक अंडाकार कक्षा में परिक्रमा करता है। बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण की वजह से इस पर दबाव पड़ता है, जिससे इसके आकार में संकुचन आता है।

सिकुड़ने की वजह से इसके अंदर गर्मी बढ़ती है और आंतरिक परतों पर दबाव बढ़ता है, जिससे अंदर चट्टानों के पिघलने से लावा बनता है। यही लावा ज्वालामुखी के रूप पर सतह पर फूट पड़ता है।

2023-24 में नासा के जूनो मिशन ने डॉपलर विधि से गुरुत्वाकर्षण से जुड़ा सटीक डेटा इकट्ठा किया था। इससे पता चला कि IO पर मैग्मा, सागर की जगह चैंबर्स में मौजूद है।

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