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सुजुकी ने हायाबूसा की 1,056 गाड़ियां वापस बुलाईं:  स्पोर्ट्स बाइक के थर्ड जनरेशन मॉडल में फ्रंट ब्रेक की परेशानी, फ्री में पार्ट्स रिप्लेस होंगे

सुजुकी ने हायाबूसा की 1,056 गाड़ियां वापस बुलाईं: स्पोर्ट्स बाइक के थर्ड जनरेशन मॉडल में फ्रंट ब्रेक की परेशानी, फ्री में पार्ट्स रिप्लेस होंगे


नई दिल्ली4 घंटे पहले

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सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने तकनीकी खराबी के कारण आज (28 अक्टूबर) अपनी सबसे पॉपुलर स्पोर्ट्स बाइक हायाबुसा को वापस बुलाया है। कंपनी ने बताया कि हायाबूसा के थर्ड जनरेशन मॉडल के फ्रंट ब्रेक में परेशानी के कारण रिकॉल जारी किया है।

इस रिकॉल में 1,056 यूनिट्स शामिल हैं। यह मॉडल 2021 से भारतीय बाजार में बेचा जा रहा है और यह भारत में सबसे लोकप्रिय सुपरबाइक्स में से एक है। जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। सुरपबाइक कावासाकी निंजा ZX-10R को टक्कर देती है।

फ्रंट ब्रेक के लीवर प्ले बढ़ने से हादसा होने की आशंका सुजुकी ने मार्केट रेग्युलेटरी को बताया कि, भारतीय बाजार में बेची गई हयाबूसा के फ्रंट ब्रेक लीवर प्ले बढ़ जाता है, जिससे लीवर थ्रॉटल ग्रिप को टच करता है। इससे ब्रेकिंग दूरी बढ़ जाती है। बाइक के फ्रंट ब्रेक लेवल प्ले इस हद तक बढ़ सकता है कि लीवर हैंडलबार को टच कर सकता है, जिससे हादसा होने की स्थिति पैदा हो सकती है।

कंपनी खराब पार्ट्स फ्री में रिप्लेस करेगी सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्रभावित ग्राहकों से संपर्क करेगी। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। ग्राहक कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर खुद भी देख सकते हैं कि उनकी बाइक रिकॉल में शामिल है या नहीं।

अगर बाइक रिकॉल में शामिल है तो अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। इससे पहले पिछली जनरेशन की सुजुकी हायाबुसा में ब्रेकिंग की समस्या थी, जिसे ब्रेम्बो स्टाइलमा कैलिपर्स और 10mm बड़ी डिस्क के साथ ठीक कर दिया गया था।

पिछले साल उतारा गया था अपडेटेड मॉडल नई सुजुकी हायाबुसा को पिछले साल 3 ड्यूल-टोन रंग- ग्लास स्पार्कल ब्लैक के साथ मेटैलिक मैट ब्लैक नंबर 2, कैंडी डेयरिंग रेड के साथ मैटेलिक थंडर ग्रे और पर्ल विगोर ब्लू के साथ पर्ल ब्रिलियंट व्हाइट के विकल्पों में उतारा गया। इसमें मौजूद LED हेडलैंप, नए साइड मिरर, टर्न इंडिकेटर्स और पोजिशन लाइट्स इसे प्रीमियम लुक देते हैं। इसमें 1340cc का 4-स्ट्रोक, फ्यूल-इंजेक्टेड, लिक्विड-कूल्ड वाला DOHC, इनलाइन फोर इंजन दिया है और शुरुआती कीमत 16.91 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले

  • 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
  • 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
  • 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
  • 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
  • 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।

रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

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