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नई दिल्ली1 घंटे पहले
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सोनम वांगचुक और उनके साथियों को लद्दाख भवन में डिटेन किया गया है।
लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके साथियों को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर अनशन की इजाजत नहीं दी।
सोनम ने रविवार सुबह x पोस्ट में कहा- एक और अस्वीकृति, एक और निराशा। आखिरकार आज सुबह हमें विरोध प्रदर्शन के लिए आधिकारिक रूप से तय स्थान के लिए ये अस्वीकृति पत्र मिला।
सोनम ने कहा- हम एक औपचारिक जगह पर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करना चाहते थे। लेकिन बीते 2-3 दिन से ऐसी कोई जगह हमें नहीं दी गई है। लद्दाख भवन में हमें डिटेन करके रखा गया है। हम यहीं से अनशन कर रहे हैं।
सोनम ने कहा- हमारे सारे सैकड़ों लोग लेह से दिल्ली चलकर आए हैं। इनमें महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक, 75 साल के भी वृद्ध शामिल हैं। हम सभी लद्दाख भवन में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेगें।
दरअसल, सोनम और उनके साथ मौजूद लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं। वे 30 दिन की पैदल यात्रा कर 30 सितंबर की रात दिल्ली पहुंचे थे।

हमें शीर्ष नेताओं से मुलाकात का समय दिया जाएगा। हम किसी से (फिल्म एक्टर आमिर खान) समर्थन की मांग नहीं कर रहे, जिन्हें हमारी बात समझ आए वे समर्थन करें।

2 अक्टूबर की देर रात सोनम दिल्ली में राजघाट पहुंचे और उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
अनौपचारिक चर्चा हुई, लेकिन मुलाकात की तारीख नहीं दी सोनम ने कहा- हमने राजघाट पर अपना अनशन तोड़ था। शीर्ष नेताओं से मुलाकात पर अनौपचारिक चर्चा हुई। हमें मुलाकात का आश्वासन दिया था लेकिन कोई तारीख तक नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि इसलिए हम राजघाट पर तोड़े अपने अनशन को दोबारा करने के लिए मजबूर हुए। हमें पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह या राष्ट्रपति से मुलाकात का समय नहीं दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने दो बार हिरासत में लिया था सोनम अपनी मांगों को लेकर 1 सितंबर को दिल्ली तक पैदल मार्च पर निकले थे। 2 अक्टूबर को उनका मार्च राजघाट पर खत्म होना था। 30 सितंबर की रात सोनम और 150 लोग दिल्ली पहुंचे थे। वे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रात बिताना चाहते थे।
दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू है। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वापस जाने के लिए कहा गया। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए सभी को हिरासत में लिया था। वांगचुक को बवाना पुलिस थाने ले जाया गया था। अन्य प्रदशर्नकारियों को दूसरे थानों में भेजा गया था।
वांगचुक का अनशन थाने में भी जारी रहा था। अगले दिन 1 अक्टूबर को वांगचुक को रात में दिल्ली के सेंट्रल एरिया की ओर जाने से रोका गया था, लेकिन वे मान नहीं रहे थे। इसके बाद उन्हें दूसरी बार पुलिस ने हिरासत में लिया था।
2 अक्टूबर को लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस थाने से रिहा किया था। थाने से बाहर आने के बाद सोनम दिल्ली पुलिस की निगरानी में राजघाट गए। वहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी
सोनम ने कहा- हमने सरकार को एक ज्ञापन दिया है कि लद्दाख को संवैधानिक प्रावधानों के तहत संरक्षित किया जाए। मुझे गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया गया है कि आने वाले दिनों में, मैं पीएम या राष्ट्रपति से मिलूंगा।

दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक को 1 अक्टूबर को हिरासत में लिया था।
सोनम वांगचुक का 30 सितंबर का X पोस्ट
वांगचुक ने 30 सितंबर का रात हिरासत के बाद X पर पोस्ट शेयर की थी।

मुझे दिल्ली की बॉर्डर पर हिरासत में से लिया गया है। यहां 1,000 पुलिसवाले थे। हमारे साथ कई बुजुर्ग हैं। हमारे भाग्य क्या लिखा है, हमें नहीं पता। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और लोकतंत्र की जननी में बापू की समाधि तक शांतिपूर्ण मार्च पर थे। हे राम।

सोमवार को पुलिस हिरासत में लेने के बाद वांगचुक को पुलिस ने बस में बैठाया। यहां उन्होंने एक वीडियो बनाकर X पर शेयर किया।
वांगचुक को हिरासत में लेने पर किसने क्या कहा था? राहुल गांधी: पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक जी और सैकड़ों लद्दाखियों की हिरासत में लेना सही है। लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में क्यों लिया जा रहा है? मोदी जी, किसान बिल की तरह ये चक्रव्यूह और आपका अहंकार टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे: सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार ने कायरतापूर्ण कार्रवाई है। मोदी सरकार अपने मित्रों को लाभ पहुंचाना चाह रहे हैं। यह घटना हमें बताती है कि मोदी सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
आतिशी: लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं। सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग, जो बापू की समाधि पर जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया। यह भाजपा की तानाशाही है। हम सोनम वांगचुक का पूरा समर्थन करते हैं।
मार्च में सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी

सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी साल मार्च में सोनम ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी। भूख हड़ताल खत्म करने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा था- ये आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। अपनी मांगों को लेकर हमें जब तक आंदोलन करना पड़े, हम करेंगे।
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दैनिक भास्कर ने लद्दाख के मुद्दों पर सोनम वांगचुक से बात की। उन्होंने कहा कि लद्दाख में लोकतंत्र की स्थिति कमजोर हुई है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान का भी जिक्र किया। पढ़िए पूरा इंटरव्यू। पूरी खबर पढ़ें