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सेहतनामा- बर्थ कंट्रोल पिल्स मददगार, पर घातक भी:  18 साल से पहले और 40 के बाद न लें, डॉक्टर से जानिए पिल्स लेने का सही तरीका

सेहतनामा- बर्थ कंट्रोल पिल्स मददगार, पर घातक भी: 18 साल से पहले और 40 के बाद न लें, डॉक्टर से जानिए पिल्स लेने का सही तरीका


49 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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इंग्लैंड में एक 16 साल की लड़की लायला खान ने बर्थ कंट्रोल पिल्स लीं और 20 दिन के भीतर ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग होने से उसकी मौत हो गई।

साल 2023 के नवंबर महीने की 25 तारीख थी। लायला को सीवियर पीरियड पेन हो रहा था। उसकी दोस्त ने सलाह दी कि बर्थ कंट्रोल पिल्स खाना शुरू करो, राहत मिल जाएगी। लायला ने पिल्स लेना शुरू कर दिया। 5 दिसंबर को उसके सिर में दर्द होने लगा और हफ्ते के आखिर तक उल्टियां शुरू हो गईं। फ्रीक्वेंसी इतनी बढ़ी कि हर 30 मिनट में उल्टी होने लगी। ऐसे में उसे इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जांच के दौरान पता चला कि उसके ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग हुई है। सर्जरी से पहले ही लायला की मौत हो गई।

भारत समेत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में बर्थ कंट्रोल पिल्स ओवर द काउंटर मिल जाती हैं। इसके लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है। अगर इन्हें रोज सही समय पर लिया जा रहा है तो ये प्रेग्नेंसी रोकने में 99% तक प्रभावी होती हैं। लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत ज्यादा हैं। कुछ मामलों में ये घातक साबित हो सकते हैं। इसलिए इन्हें इस्तेमाल करने से पहले सामान्य जानकारी आवश्यक है।

आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे बर्थ कंट्रोल पिल्स की। साथ ही जानेंगे कि-

  • इन्हें कब और कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?
  • बर्थ कंट्रोल पिल्स के साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं?
  • ये कब घातक साबित हो सकती हैं?
  • क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स से फर्टिलिटी प्रभावित होती है?

बर्थ कंट्रोल पिल्स क्या हैं और कैसे काम करती हैं?

बर्थ कंट्रोल पिल्स एक तरह की ओरल गर्भ निरोधक हैं। इसमें हॉर्मोन का उपयोग करके प्रेग्नेंसी रोकी जाती है। इनमें आमतौर पर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन होते हैं। हालांकि, अब प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजेन की अलग-अलग हॉर्मोन्स वाली पिल्स भी आने लगी हैं। प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इसे नियमित रूप से रोज एक ही समय पर खाना होता है।

बर्थ कंट्रोल पिल्स में मौजूद हॉर्मोन्स से यूटेरस में निम्न बदलाव आते हैं

  • इसके कारण अंडाशय से एग्स निकलना कम हो जाते हैं या रुक जाते हैं।
  • सर्वाइकल म्यूकस इतना गाढ़ा हो जाता है कि स्पर्म का एग तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
  • यूटेरस की परत इतनी पतली हो जाती है कि फर्टिलाइज्ड एग वहां डेवलप ही नहीं हो पाता।

बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?

  • बर्थ कंट्रोल पिल्स कभी भी डॉक्टर की सलाह के बगैर मेडिकल स्टोर से खरीदकर न खाएं।
  • बर्थ कंट्रोल पिल्स को सीधे मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। इन गोलियों के लिए मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन भी अनिवार्य नहीं है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि हम बिना डॉक्टरी सलाह के इसे खुद खरीदकर खा लें।
  • ये गोलियां लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और हर 6 महीने में एक बार कंसल्ट करते रहें।
  • अगर कोई महिला रेगुलर बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही है और बीच में कोई हेल्थ कंडीशन बनती है तो ऐसे में डॉक्टर से मिलकर यह जानना जरूरी है कि इस कंडीशन में ये गोलियां खाना कितना सेफ है।
  • इसके अलावा अगर लगातार तेज सिर दर्द, चक्कर, उल्टियां वगैरह की प्रॉब्लम्स हों तो दवा खाना बंद कर दें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

डॉक्टर बर्थ कंट्रोल पिल्स कब प्रिस्क्राइब करते हैं?

  • डॉ. मीनाक्षी कहती हैं कि आमतौर पर बर्थ कंट्रोल पिल्स गर्भनिरोध के लिए ही दी जाती हैं।
  • इसके अलावा कुछ हेल्थ कंडीशंस में भी डॉक्टर इसे सजेस्ट कर सकते हैं, जैसे अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान दर्दनाक ऐंठन, हॉर्मोनल कारणों से मुंहासे और अनचाहे बाल उगने की समस्या से निपटने के लिए डॉक्टर बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • इसके अलावा कई बार पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या एंडोमेट्रियोसिस जैसी हेल्थ कंडीशंस के लक्षणों के मैनेजमेंट के लिए भी ये पिल्स प्रिस्क्राइब की जाती हैं।
  • यह मीनोपॉज से पहले हो रहे हॉट फ्लैशेज के समय भी रिकमेंड की जा सकती है।
  • यह गोली पीरियड्स के कारण हो रहे एनीमिया के लिए भी प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
  • डॉ. मीनाक्षी बार-बार यह बात ध्यान में रखने को कहती हैं कि इनमें से कोई भी कंडीशन बनने पर डॉक्टर की सलाह के बिना यह गोली शुरू नहीं करनी चाहिए। इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स से जान को जोखिम हो सकता है?

डॉ. मीनाक्षी कहती हैं कि बर्थ कंट्रोल पिल्स में एस्ट्रोजेन हॉर्मोन्स की मौजूदगी के कारण कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए अब साइड इफेक्ट्स कम करने के लिए एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन्स की अलग-अलग गोलियां आने लगी हैं। खतरे कम करने के लिए इन्हें नियोजित ढंग से दिया जाता है।

एस्ट्रोजेन की मौजूदगी के कारण निम्न गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:

  • ब्लड क्लॉटिंग
  • गॉलब्लैडर डिजीज
  • हार्ट अटैक
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • लिवर कैंसर
  • स्ट्रोक

बर्थ कंट्रोल पिल्स से ब्लड क्लॉटिंग का कितना जोखिम होता है?

आमतौर पर डॉक्टर ये पिल्स नियोजित ढंग से देते हैं, इसलिए खास जोखिम नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ फैमिली हिस्ट्री और हेल्थ कंडीशंस में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा हो सकता है। ग्रफिक में देखिए।

बर्थ कंट्रोल पिल्स कब और किसके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं?

बर्थ कंट्रोल पिल्स 18 साल से कम और 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रिस्क्राइब नहीं की जाती है। इस उम्र में इनके खतरनाक साइड इफेक्ट सामने आ सकते हैं।

बर्थ कंट्रोल पिल्स के साथ स्मोकिंग करना और शराब का सेवन मुश्किल पैदा कर सकता है। अगर कोई महिला स्मोकर है तो 35 वर्ष से अधिक होने पर ये पिल्स प्रिस्क्राइब नहीं की जाती हैं। अगर स्मोकिंग नहीं करते हैं तो आमतौर पर मीनेपॉज तक हॉर्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स का उपयोग कर सकते हैं।

बर्थ कंट्रोल पिल्स के साइड इफेक्ट कितने खतरनाक हैं?

अगर PCOS जैसी किसी हेल्थ कंडीशन के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स नहीं ले रही हैं और इसका मकसद सिर्फ अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकना है तो यहां यह बताना जरूरी है कि यह प्रेग्नेंसी रोकने का आखिरी विकल्प होना चाहिए क्योंकि महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका बहुत खतरनाक असर पड़ता है। कॉन्ट्रेसेप्शन के दूसरे उपाय जैसे कंडोम ज्यादा सेफ हैं और उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है?

डॉ. मीनाक्षी कहती हैं कि बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से फर्टिलिटी पर कोई असर नहीं पड़ता है। इससे निकले हॉर्मोन शरीर में कुछ समय तक ही रहते हैं। जैसी ही कोई पिल्स खाना बंद करता है तो हॉर्मोन्स का असर भी खत्म हो जाता है। इसके बाद शरीर अपने सामान्य साइकल पर वापस आ जाता है। आमतौर पर साइकल को सामान्य होने में कुछ महीने ही लगते हैं।

बर्थ कंट्रोल पिल्स छोड़ने के कितने समय बाद कंसीव कर सकते हैं?

डॉ. मीनाक्षी बंसल कहती हैं कि बर्थ कंट्रोल पिल्स छोड़ने के ठीक अगले मेंस्ट्रुअल साइकल में प्रेग्नेंसी हो सकती है। उस महीने में कंसीव करने का चांस अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा होता है।

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