शन्नू ख़ान | रामपुरकुछ ही क्षण पहले
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 17 दवाओं की पहचान की है जिन्हें एक्सपायरी या अप्रयुक्त होने पर कूड़ेदान में नहीं फेंका जाना चाहिए। इन दवाओं में ट्रामाडो टैर्पेटाडोल, डायजेपाम, ऑक्सीकोडोन और फेंटेनाइल शामिल हैं।
रामपुर फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा के अनुसार, ये दवाएं विशेष रूप से खतरनाक हैं। यदि इनका उपयोग किसी गलत व्यक्ति द्वारा कर लिया जाए, तो एक खुराक भी जानलेवा साबित हो सकती है। ये दवाएं मुख्य रूप से दर्द, चिंता और अन्य स्थितियों के इलाज में प्रयोग की जाती हैं।
सीडीएससीओ के मार्गदर्शन दस्तावेज के अनुसार, इन दवाओं का सुरक्षित निपटान पर्यावरण और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक है। इन दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
विशेष चेतावनी दी गई है कि इन दवाओं को जल स्रोतों में न फेंका जाए। ये दवाएं पानी में मिलकर समुदायों और वन्यजीवों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। साथ ही इन्हें टॉयलेट में भी नहीं बहाना चाहिए। इन दवाओं का अनुचित निपटान मानव, पशु और पर्यावरण तीनों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।