Latest News

RBI ने कहा- इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल:  बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन भी स्टेबल, डिपॉजिटर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं

RBI ने कहा- इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल: बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन भी स्टेबल, डिपॉजिटर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं


  • Hindi News
  • Business
  • RBI Said, IndusInd Bank Well capitalized, Financial Position Remains Satisfactory

मुंबई5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने 15 मार्च को कहा कि इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल है और उसकी फाइनेंशियल कंडीशन भी स्टेबल है। दरअसल, 10 मार्च को इंडसइंड बैंक ने स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज यानी गड़बड़ी का खुलासा किया था।

इसके चलते 11 मार्च को बैंक के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। बैंक के भविष्य को लेकर कई तरह की बातें भी शुरू हो गई थीं। RBI के मुताबिक, दिसंबर 2024 में खत्म तिमाही में इंडसइंड बैंक का कैपिटल एडक्वेसी रेशियो (CAR) 16.46% और प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) 70.20% था। 9 मार्च 2025 को बैंक का लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) भी 113% था, यह RBI की 100% की शर्त से ज्यादा है।

RBI ने स्टेटमेंट में कहा कि बैंक ने सिस्टम के रिव्यू और डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज से होने वाले नुकसान का पता लगाने के लिए एक एक्सटर्नल ऑडिट टीम को नियुक्त किया है। केंद्रीय बैंक ने बैंक के बोर्ड और मैनेजमेंट को चौथी तिमाही में सभी जरूरी उपाय करने और स्टेकहोल्डर्स को जरूरी जानकारियों से अवगत कराने को कहा है।

बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन स्टेबल

RBI ने यह भी कहा है कि इंडसइंड बैंक के डिपॉजिटर्स को बैंक के बारे में चल रही चर्चाओं पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन स्टेबल है और केंद्रीय बैंक स्थिति पर नजर रख रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI ने यह बयान इंडसइंड बैंक के डिपॉजिटर्स की चिंता दूर करने के लिए दिया है। इससे बैंक के ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी।

इसकी वजह यह है कि पिछले सालों में बैंकों के संकट में फंसने पर RBI ने समय पर जरूरी कदम उठाए हैं, जिससे बैंक डूबने से बच गए। इससे बैंक के ग्राहकों का पैसा भी डूबने से बच गया। 2020 में यस बैंक, 2021 में RBL बैंक और 2024 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के क्राइसिस इसके उदाहरण हैं। हालांकि, डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर से इंडसइंड बैंक की साख पर असर पड़ा है।

11 मार्च को 27% गिरा था बैंक का शेयर

दरअसल, इंडसइंड बैंक ने सोमवार (10 मार्च) को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि इंटरनल रिव्यू में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग डिस्क्रिपेन्सी यानी गड़बड़ी का पता चला है। इसके चलते बैंक की कमाई में कमी आ सकती है और नेटवर्थ 2.35% तक गिर सकती है।

इस खबर के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों में मंगलवार (11 मार्च) को 27% की गिरावट आई थी। ये 243 रुपए गिरकर ₹656.80 पर आ गया था। हालांकि, 13 मार्च को बैंक का शेयर 672.65 रुपए पर बंद हुआ था।

मामला क्या है, प्रभावित कौन होगा?

  • इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पहले किए गए विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग कॉस्ट को कम करके आंका था। इस खुलासे के बाद बैंक ने माना कि इससे उसकी नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपए (2.35%) कम हो सकती है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा डेरिवेटिव्स पर अपडेट किए गए मास्टर निर्देशों के बाद सितंबर और अक्टूबर 2024 के बीच डिस्क्रिपेन्सी की पहचान की गई। बैंक ने बोर्ड मीटिंग के बाद 10 मार्च को अपने एक्सचेंज फाइलिंग में इस बारे में बताया।
  • इसका सबसे बड़ा असर इंडसइंड बैंक और उसके निवेशकों पर पड़ा है। पिछले एक साल में बैंक के शेयर में 56% की गिरावट आ चुकी है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि नई फाइंडिंग्स बैंक के इंटरनल कंट्रोल और कंप्लायंस के बारे में चिंता पैदा करते हैं।

इंडसइंड बैंक अब क्या कदम उठा रहा है?

बैंक ने एक डिटेल्ड इंटरनल रिव्यू लॉन्च किया है और अपनी फाइंडिंग्स को वेलिडेट करने के लिए एक बाहरी एजेंसी अपॉइंट की है।

डेरिवेटिव क्या है?

डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स होता है। जिसकी वैल्यू एसेट और बेंचमार्क के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। ऑप्शन, स्वैप और फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट इसके उदाहरण हैं। इनका इस्तेमाल रिस्क हेजिंग या स्पेक्यूलेटिव जैसे काम के लिए किया जाता है।

तीसरी तिमाही में मुनाफा 39% कम हुआ

देश का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर लेंडर इंडसइंड बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 1,402.33 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ। सालान आधार पर इसमें 39% की हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक को 2,301.49 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक ने 15,155.80 करोड़ रुपए की कमाई की। यह पिछले साल के ₹13,968.17 करोड़ के मुकाबले 8.50% ज्यादा रहा। बैंक ने बताया कि खर्चे में बढ़ोतरी के चलते कंपनी का मुनाफ कम हुआ है।



Source link

Share This Post

15 Views
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Advertisement