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मराठी विवाद पर आर.माधवन का बयान:  कहा- मुझे भाषा की वजह से कभी कोई तकलीफ नहीं हुई, मैंने मराठी सीखी, मैं तमिल-हिंदी बोलता हूं

मराठी विवाद पर आर.माधवन का बयान: कहा- मुझे भाषा की वजह से कभी कोई तकलीफ नहीं हुई, मैंने मराठी सीखी, मैं तमिल-हिंदी बोलता हूं


8 घंटे पहले

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एक्टर आर.माधवन ने हाल ही में महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर बयान दिया है। आर. माधवन एक ऐसे एक्टर हैं, जिनका जन्म बिहार में हुआ, पढ़ाई महाराष्ट्र से और करियर बना साउथ में। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी सिनेमा में भी बेहतरीन काम किया। जब एक्टर से मराठी विवाद पर सवाल किया गया तो एक्टर ने साफ कहा कि उन्होंने हर भाषा सीखी है, ऐसे में उन्हें कभी किसी तरह की समस्या नहीं हुई।

हाल ही में आईएएनएस के इंटरव्यू में आर. माधवन से पूछा गया कि क्या कभी उन्हें भाषा के चलते कभी कोई दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसके जवाब में एक्टर ने कहा, मुझे कभी लैंग्वेज की वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। मैं तमिल बोलता हूं, मैं हिंदी बोलता हूं। मैंने कोल्हापुर में भी पढ़ाई की है। मैंने मराठी भी सीखी है। मुझे कभी इसकी वजह से प्रॉब्लम नहीं हुई। जानने की वजह से या न जानने की वजह से कभी कोई तकलीफ नहीं हुई।

आर.माधवन की फिल्म आप जैसा कोई 11 जुलाई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है।

आर.माधवन की फिल्म आप जैसा कोई 11 जुलाई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है।

पवन कल्याण बोले- अगर तेलुगु मां है तो हिंदी हमारी मौसी

आर. माधवन से पहले पवन कल्याण ने साउथ में चल रहे तेलुगु और हिंदी के विवाद में बयान दिया। उन्होंने हैदराबाद में राजभाषा विभाग के “दक्षिण संवाद” स्वर्ण जयंती समारोह में कहा, ‘अगर तेलुगु भाषा हमारी मां के समान है, तो हिंदी मौसी जैसी है। हिंदी सीखने से क्षेत्रीय पहचान को खतरा नहीं है। यह भारत को एक करती है। इसे नए अवसरों के रूप में देखना चाहिए।’

मराठी विवाद पर भोजपुरी स्टार ने दिया था ओपन चैलेंज

हाल ही में फिल्म प्रमोशन के दौरान भोजपुरी स्टार निरहुआ ने मराठी के नाम पर हो रही हिंसा की आलोचना की और साथ ही हिंसा करने वालों को ओपन चैलेंज दिया। उन्होंने कहा, ‘ये देश इसी बात के लिए जाना जाता है कि यहां अलग-अलग भाषा है। अलग-अलग कल्चर है। उसके बाद भी अनेकता में एकता है। यही हमारे देश का कल्चर है। यही खूबी है। मुझे लगता है कि जो भी लोग इस तरह की गंदी राजनीति करते हैं उन्हें संभल जाना चाहिए। ये तोड़ने की राजनीति है। आप राजनीति करिए, लेकिन तोड़ने की नहीं जोड़ने की।’

‘किसी में दम है तो हमको महाराष्ट्र से निकाल कर दिखाएं। मैं नहीं बोलता हूं मराठी। मुझे निकाल के दिखाओ। किसी भी नेता को खुला चैलेंज देता हूं कि तुम्हारे अंदर दम है तो मैं खुला चैलेंज देता हूं कि मैं मराठी नहीं बोलता हूं मुझे निकालकर दिखाओ। मैं यहीं रहता हूं।’

बताते चलें कि महाराष्ट्र में मराठी न बोलने पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई दुकानों के हिंदी और दूसरी भाषाओं वाली होर्डिंग्स से तोड़फोड़ की गई और कई लोगों से मराठी न बोलने पर मारपीट की जा रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लोगों के कई वीडियोज सामने आए हैं, जिनमें वो आम जनता को धमकाते हुए नजर आए हैं।



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