यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में होगा।
लखनऊ
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सर्वश्री सुरेश कुमार रावत वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्रा एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने आज संवाददाताओं को बताया कि इप्सेफ के आह्वान पर यह कार्यक्रम पूज्य बापूजी के सिद्धांतों के अनुरूप होगा। पूज्य बापूजी कहते थे के अन्याय के विरुद्ध अहिंसात्मक कार्यक्रम करना धर्म है।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि यह इप्सेफ का राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम है। आंदोलन क्यों हो रहा है इसका कारण है कि इप्सेफ द्वारा विगत 2 वर्षों से प्रधानमंत्री से ज्ञापन पत्र भेजकर आग्रह किया गया कि निम्न मांगों पर भारत सरकार जल्द निर्णय करें-
१-पुरानी पेंशन की पूरी बहाली।
२-एक देश एक वेतन के तहत ३-राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करना
४-आउटसोर्स/संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा /न्यूनतम वेतन व नियमित नियुक्तियों में वरीयता देना, रिक्त पदों पर संविदा ठेका आउटसोर्स की जगह नियमित भर्ती करना।
समस्त जनपद शाखों द्वारा प्रारूप में ज्ञापन भेजा जाएगा । इप्सेफ जो भी आंदोलन घोषित करेगा उसे सफल बनाया जाएगा ।
भीषण महंगाई से त्रस्त एवं आर्थिक शोषण बेरोजगारी के विरुद्ध आंदोलन के अलावा और कोई उपाय नहीं दिखाई दे रहा है।
बैठक में आक्रोश व्यक्त किया गया कि भारत सरकार ने 1 जुलाई से महंगाई भत्ते की किस्त के भुगतान करने का आदेश जारी नहीं किया गया।
मिश्रा ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए मा मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव द्वारा कई आदेश दिये गये कि संगठनों के पदाधिकारियों के साथ प्रत्येक माह बैठक आहूत कर प्राथमिकता पर समस्याओं का समाधान किया जाए परन्तु मा मंत्रिगण / प्रमुख सचिव /विभागाध्यक्ष के स्तर पर विगत दो वर्षों में एक भी बैठक आहूत नहीं हुई जिससे समस्याएं यथावत है और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है ।