नई दिल्ली18 मिनट पहले
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सांसद असदुद्दीन ओवैसी, संजय सिंह, ए राजा मीटिंग रूम से बाहर आ गए।
वक्फ बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की सोमवार को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगा। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा।
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि कमेटी की कार्यवाही तय नियम के हिसाब से नहीं हो रही है। कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दी, लेकिन यह बिल से जुड़ी न होकर कर्नाटक सरकार और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को बदनाम करने के लिए थी।
अनवर ने अपने प्रेजेंटेशन में खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। दरअसल, मार्च, 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिप्पाडी कमेटी ने तत्कालीन सीएम सदानंद गौड़ा को अपनी रिपोर्ट दी थी।
वहीं, केरल विधानसभा ने सोमवार बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार इसे वापस लेने का आग्रह किया है। वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे JPC को सौंपा था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।

विपक्ष के सांसदों का आरोप है कि कमेटी पक्षपात कर रही है।
वक्फ बिल पर JPC की चार बैठकें
22 अगस्त, पहली बैठक: कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया। पूरी खबर पढ़ें…
30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे चली। बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना गया। पूरी खबर पढ़ें..

तस्वीर 6 सितंबर की है। JPC मीटिंग के लिए असदुद्दीन ओवैसी और जगदंबिका पाल एक साथ मीटिंग रूम की ओर गए।
5 सितंबर, तीसरी बैठक: विपक्ष ने कहा- मंत्रालय ने जानकारी छिपाई तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने वक्फ बिल पर प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी बिल पर पूरी जानकारी नहीं दे रहे थे। सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया। पूरी खबर पढ़ें…
6 सितंबर, चौथी बैठक: ASI ने पुराने कानून पर आपत्ति की बैठक में आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम भी शामिल हुई। टीम ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि नया संशोधन बिल पुराने स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। ASI ने पुराने वक्फ कानून पर अपनी पांच आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं।
विभाग का कहना था कि कई संपत्तियां जो पहले भारत सरकार ने संरक्षित की थीं, उन पर वक्फ ने बिना किसी सबूत के दावा कर दिया। वक्फ एक्ट 1995 (पुराना कानून) वक्फ बोर्ड को दान के नाम पर किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देता है। पूरी खबर पढ़ें…

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद
- जगदंबिका पाल, कमेटी के चेयरपर्सन (भाजपा)
- निशिकांत दुबे (भाजपा)
- तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
- अपराजिता सारंगी (भाजपा)
- संजय जायसवाल (भाजपा)
- दिलीप सैकिया (भाजपा)
- अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा)
- डीके अरुणा (YSRCP)
- गौरव गोगोई (कांग्रेस)
- इमरान मसूद (कांग्रेस)
- मोहम्मद जावेद (कांग्रेस)
- मौलाना मोहिबुल्ला (सपा)
- कल्याण बनर्जी (TMC)
- ए राजा (DMK)
- एलएस देवरायलु (TDP)
- दिनेश्वर कामत (JDU)
- अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट)
- सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार)
- नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट)
- अरुण भारती (LJP-R)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद
- बृज लाल (भाजपा)
- डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा)
- गुलाम अली (भाजपा)
- डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा)
- सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस)
- मोहम्मद नदीम उल हक (TMC)
- वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP)
- एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
- संजय सिंह (AAP)
- डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)

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8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के सदन में पेश होते ही देश की सबसे बड़ी और ताकतवर मुस्लिम संस्था वक्फ बोर्ड एक बार फिर से चर्चा में है। दिल्ली का कुल एरिया करीब 3.6 लाख एकड़ है, जबकि वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। पढ़ें पूरी खबर…
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