प्रयागराज3 मिनट पहले
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मोहर्रम की दो तारीख को संगम नगरी प्रयागराज में हुसैनियत की शान और करबला की यादों से सराबोर ऐतिहासिक ‘बड़ा ताजिया’ अलम जुलूस पूरी अकीदत के साथ निकाला गया। जुलूस की शुरुआत बड़ा ताजिया इमामबाड़े से हुई, जहां बड़ी संख्या में हुसैन के चाहने वाले ‘या अली’, ‘या हुसैन’ की सदाओं के बीच एकत्रित हुए।
विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी की अगुवाई में यह अलम जुलूस अपने कदीमी (परंपरागत) रास्तों से गुजरता हुआ शांतिपूर्ण ढंग से निकला। जुलूस में शामिल अध्यक्ष रेहान खां और सचिव इमरान खां ने समूचे आयोजन की व्यवस्था संभाली।




जुलूस के मार्ग में जगह-जगह लोगों ने अलम पर फूल चढ़ाकर दुआएं और मन्नतें मांगीं। पूरे रास्ते में ढोल-ताशों, नौहाखानी और मातम की सदा गूंजती रही, जो करबला की शहादत और इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद दिला रही थी। जुलूस का रूट निरंजन सिनेमा, जानसेनगंज, लीडर रोड, खारी कुइयां, पत्थर गली, शाहगंज, नखासकोहना, कोतवाली होते हुए पुनः इमामबाड़े पर समाप्त हुआ।
इस जुलूस में हजारों की संख्या में जायरीन शामिल हुए। अकीदतमंदों ने रास्ते भर जगह-जगह लंगर का आयोजन किया, जिसमें हुसैनी प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह आयोजन सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक भावना का प्रतीक बनकर उभरा।
जुलूस में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे
चांद मियां, जावेद खान, वज़ीर खान, पार्षद सलामत उल्ला, पार्षद ज़िया उबैद खान, मोहम्मद अकरम शगुन, अफजल खान, आमिर खान, गुड्डू भाई, अरशी, शादाब, सुहैल, शब्बर, डॉ. जाहिद, आकिब, राहिल, शाहरूख, शाहिद, अरबिश, आसिफ, शानू, आलम, जिबरान समेत तमाम स्थानीय लोग।
पुलिस और प्रशासन के साथ आयोजकों के सहयोग से यह ऐतिहासिक आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण और भव्य रहा। डीसीपी अभिषेक भारती के निर्देश के मुताबिक पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जुलूस के रास्ते में गाड़ियों की आवाजाही बंद करवाकर रास्ते खाली कराए जा रहे थे। इस दौरान पुलिस की टीमें चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी और ड्रोन की मदद से निगरानी कर रही थी।