मेरठ में एक ही परिवार के 5 लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी गई। घर के अंदर पति-पत्नी के शव चादर में लिपटे मिले। जबकि उनकी तीन बेटियों को मारकर उन्हें बोरी में भरा गया, फिर बेड के बॉक्स में छिपा दिया गया।
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घर के गेट पर बाहर से ताला लगा था। रिश्तेदार और भाई सुबह से फोन कर रहे थे, लेकिन कॉल नहीं उठ रही थी। पड़ोसियों ने भी एक दिन से परिवार को देखा नहीं था।
यह पूरा मामला लिसाड़ी गेट इलाके के सोहेल गार्डन का है। मरने वालों में पति मोईन, पत्नी आसमा और 3 बेटियां- अफ़्सा (8), अजीजा (4) अदीबा (1) शामिल हैं। मोइन मिस्त्री का काम करता था।
पुलिस और फोरेंसिक टीम घर की तलाशी ले रही हैं। लोग और मीडिया को घर के बाहर ही रोक दिया गया है। ADG डीके ठाकुर और DIG कलानिधि नैथानी भी पहुंचे हैं।
2 तस्वीर देखिए…
यह घर के अंदर कमरे का सीन है। पति-पत्नी के शव जमीन पर गठरी में थे।

बेटियों की लाशों को बोरी में भरकर कपड़ों के बीच बेड के अंदर ठूंस दिया गया था।
क्राइम सीन समझिए…
एक कमरा, बेड और जमीन पर लाशें ही लाशें मोईन किराए के मकान में रहता था। घर की दीवारों पर प्लास्टर भी नहीं था। मकान 70 वर्ग गज में बना हुआ है। दरवाजे को तोड़ने के बाद भाई अंदर पहुंचा। जमीन पर कपड़े और सामान बिखरे हुए थे। दरवाजे के सामने ही एक कमरा था, पास में छोटा सा किचन। कमरे में जमीन पर बेड के पास मोईन और उनकी पत्नी की लाश थी, जो चादर की गठरी में थी। उनके गले धारदार हथियार से रेत दिए गए थे। जमीन पर खून ही खून फैला हुआ था।
कमरे में किसी तरह की दुर्गंध नहीं थी। ऐसे में अनुमान लगाया गया मर्डर हुए ज्यादा वक्त नहीं बीता है। बेड में सामान रखने के लिए बॉक्स बने हुए थे। एक तरफ से यह भी खुला हुआ था। बेड के अंदर बच्चियों की लाशें छिपाई गई थीं। ये लाशें बोरियों में थीं। अंदर खून भी फैला हुआ था।

जब भाई घर पहुंचा तब मामला खुला दरअसल, पूरा मामला तब खुला, जब मोईन का भाई सलीम अपनी पत्नी के साथ मौके पर पहुंचे। घर का दरवाजा बाहर से बंद था।
सलीम ने कहा- मुझे अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर जाना था। डॉक्टर को दिखाने के बाद मैं मोईन के घर पहुंचा। दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। बाहर से मैं चिल्लाया, मगर अंदर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे। सब जगह सामान बिखरा हुआ था। समझ नहीं आया कि क्या हुआ? भाई और भाभी की लाशें जमीन पर पड़ीं थीं। पास जाकर देखा, तो वह मर चुके थे।

लाशें अकड़ी हुई हैं। फोरेंसिक टीम मौके से सबूत जुटा रही है।

बेटियों के शवों को प्लास्टिक बोरी में भरकर बेड में छिपाया गया था।
भतीजी बोली- कल रात 9 बजे हमारी बात हुई भतीजी तरन्नुम ने बताया- हम लोग कल से चाचा (मोईन) को ढूंढ रहे थे। हमें लगा कि कहीं चले गए होंगे। उनके झगड़े भी होते रहते हैं। कल रात 9 बजे हमारी बहन की चाचा से फोन पर बात हुई। सब नॉर्मल बात हुई। नहीं पता, फिर क्या हुआ? हमारा घर तो थोड़ी दूर है, यहां घर के बाहर ताला बंद था।
2009 में रुड़की चले गए, डेढ़ महीने पहले यहां रहने आए हत्या की खबर पाकर मोईन के पड़ोसी रहे मोहम्मद वसीम पहुंचे। उन्होंने कहा- 2009 तक मोइन परिवार के साथ जाकिर कॉलोनी में मक्का मदीना मस्जिद वाली गली में रहते थे। मोईन के सभी भाई राज मिस्त्री का काम करते हैं। मोईन मवाना और रुड़की में भी रहा था। डेढ़ महीने पहले ही परिवार यहां आया था। ये लोग बहुत सीधे-सादे थे। परिवार का किसी से विवाद भी नहीं दिया था।
पुलिस तीन एंगल पर कर रही जांच
- पूरे परिवार को मारने वाला कोई खास व्यक्ति है, जिसका घर में आना जाना था।
- पूरे परिवार को खाने में कोई नशीली चीज दी गई। बेहोश होने के बाद सभी की हत्या की गई। इसलिए किसी को चीख भी नहीं सुनाई दी।
- हत्यारे 2 से 3 लोग थे, जो घर में कई घंटे रहे। उन्होंने बड़े शातिराना अंदाज में मर्डर को अंजाम दिया।
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