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झांसी में TTE ने टिकट मांगा,GRP जवानों ने मिलकर मारा:  ललितपुर में ट्रेन से उतारकर पीटते हुए थाने ले गए, ADRM ने ADG को पत्र लिखकर कहा-कार्रवाई करें, बिना टीटीई के गई है ट्रेन – Jhansi News

झांसी में TTE ने टिकट मांगा,GRP जवानों ने मिलकर मारा: ललितपुर में ट्रेन से उतारकर पीटते हुए थाने ले गए, ADRM ने ADG को पत्र लिखकर कहा-कार्रवाई करें, बिना टीटीई के गई है ट्रेन – Jhansi News



बिना वैध टिकट हीराकुंड एक्सप्रेस के AC कोच में यात्रा कर रहे जीआरपी जवान और टीटीई में होता विवाद

झांसी स्टेशन से हीराकुंड एक्सप्रेस में चढ़े जीआरपी जवानों की गुंडई सामने आई है। बिना टिकट AC कोच में यात्रा कर रहे वर्दी धारियों से TTE ने टिकट मांगा तो उन्होंने टीटीई को चलती ट्रेन में गालियां दीं और मारपीट की। इसके बाद ललितपुर में अपने सह कर्मियों क

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दरअसल, वेस्ट सेंट्रल रेलवे के कटनी में तैनात डिप्टी CTI दिनेश कुमार ट्रेन नंबर 22167 सिंगरौली-हजरत निजामुद्दीन ऊर्जाधानी एक्सप्रेस में ड्यूटी कर 29 जून की रात 9.50 बजे झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पहुंचे थे। यहां रातभर के रेस्ट के बाद उन्हें 30 जून को ट्रेन नंबर 20808 अमृतसर-विशाखापट्टनम हीराकुंड एक्सप्रेस लेकर कटनी मुड़वारा तक टिकट चेकिंग की ड्यूटी करते हुए जाना था। दोपहर 2.36 बजे जब हीराकुंड एक्सप्रेस झांसी पहुंची तो यहां से ट्रेन के थर्ड AC कोच B-1 में जीआरपी ललितपुर का हेड कांस्टेबल संदीप कुमार अपने परिवार के साथ उसमें सवार हो गया। झांसी से ट्रेन के चलते ही TTE दिनेश कुमार टिकट चेकिंग करने लगे और सीट नंबर 38 पर पहुंच कर वहां बैठी महिला से टिकट मांगा। इस पर महिला बिना टिकट बताए सीट नंबर 23 पर बैठे हेड कांस्टेबल संदीप के पास पहुंच गई। इस पर टीटीई भी वहां पहुंचे और टिकट दिखाने को कहा। बस इसी बात से गुस्साए जीआरपी की वर्दी पहने संदीप व उसके दूसरे सहकर्मी ने टीटीई को रौब दिखाना शुरू कर दिया। उसका कहना था कि वह हमेशा ऐसे ही यात्रा करता है, तुम नए टीटीई बने हो। इस पर जब टीटीई दिनेश कुमार दवाब में नहीं आए तो जीआरपी के दोनों सिपाही उनसे मारपीट पर आमादा हो गए। टीटीई ने जब उनका वीडियो बनाने की कोशिश की तो उनका मोबाइल भी छीन लिया। इसके बाद दोनों सिपाहियों ने टीटीई से हाथापाई शुरू कर दी। हालांकि, अन्य यात्रियों के समझाने पर दोनों वर्दीधारी उस समय शान्त हो गए। यहां टीटीई को लगा कि मामला शांत हो गया है तो वह फिर से टिकट चेकिंग करने लगे। लेकिन इसी दौरान हेड कांस्टेबल संदीप कुमार ने ललितपुर में अपने सहकर्मियों को फोन कर बुला लिया। यहां ट्रेन दोपहर 3.43 बजे जैसे ही ललितपुर पहुंची तो यहां पहले से इंतजार कर रहे जीआरपी के 8 से 10 जवानों ने टीटीई दिनेश कुमार से बिना कोई बात किए मारपीट शुरू कर दी।

मदद के लिए चीखते रहे दिनेश, GRP जवान पीटते हुए ले गए थाने

दैनिक भास्कर से फोन पर बात करते हुए डिप्टी CTI दिनेश कुमार ने बताया कि झांसी के बाद जब ट्रेन ललितपुर स्टेशन पहुंची तो यहां कई पुलिसकर्मी वर्दी में खड़े थे। उन्हें लगा कि वह बात करेंगे। साथ ही अपने साथी की गलती भी मानेंगे, लेकिन जैसे ही ट्रेन रुकी तो उन्होंने हेड कांस्टेबल से मेरी पहचान कराते हुए ट्रेन के अंदर से ही पीटना शुरू कर दिया। बताया कि वह मदद के लिए चीखे और वहां मौजूद यात्रियों से कहा कि मेरे साथ ये लोग मारपीट कर रहे हैं, कोई इनका वीडियो बना लो, लेकिन पुलिस की वर्दी देख कोई भी बचाव करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। टीटीई का कहना है कि सभी वर्दी वाले उन्हें पीटते हुए ललितपुर जीआरपी थाने ले गए।

थाने में सबने बारी-बारी से मारा

TTE दिनेश कुमार ने बताया कि उनके साथ जीआरपी के जवानों ने जानवरों की तरह सुलूक किया। थाने पहुंचने से पहले उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए भागकर ललितपुर में रेलवे कार्यालय के अंदर घुसने का प्रयास किया, लेकिन वह इतने लोगों की पकड़ से छूट नहीं सके। इसके बाद उन्हें थाने ले जाकर सभी लोगों ने बारी बारी से पीटा। साथ ही उनका मोबाइल फोन छीनकर रख लिया। उनका कहना था कि इस पर महिलाओं से छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज देते हैं। दिनेश कुमार ने बताया कि लगभग 2 घंटे तक सभी उन्हें पीटते रहे।

बोले-राजीनामा लिखो, नहीं तो छेड़खानी का मुकदमा लिख देंगे

थर्ड AC कोच में बिना टिकट परिवार के साथ यात्रा कर रहे जीआरपी के हेड कांस्टेबल के साथ पूरा थाना मिलकर नियम कानून की धज्जियां उड़ाता रहा। टीटीई दिनेश कुमार ने बताया कि पहले तो गुंडई करते हुए उन्हें जबरन ट्रेन से उतार लिया गया। साथ ही उनके किसी भी अधिकारी को सूचना दिए बिना उन्हें ऑन ड्यूटी ट्रेन से उतारकर थाने में बिठाए रखा। जब ललितपुर में रेलवे के जिम्मेदार आए तो उनसे जबरन ये राजीनामा लिखवाया गया कि उन्हें अब किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करनी है। टीटीई का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई कि राजीनामा नहीं करोगे तो अभी दो लाइन की शिकायत महिला से करवा देंगे कि टीटीई ने छेड़खानी की है।

कठोर कार्रवाई के लिए ADRM ने ADG को भेजा पत्र

ऑन ड्यूटी टीटीई पर हमला करने के मामले को रेल प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जीआरपी) से सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही है।

पत्र में ADRM ने ये लिखा…

मैं आपके ध्यान में 30 जून 2025 को ट्रेन संख्या 20808 में घटित अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय घटना लाना चाहता हूं। ललितपुर स्टेशन पर टीटीई दिनेश कुमार डिप्टी CTI/कटनी, जो अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, पर जीआरपी ललितपुर कर्मचारी संदीप कुमार हेड कांस्टेबल ने हमला किया, जो बिना वैध टिकट के AC कोच में अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे थे। विवाद के दौरान टीटीई दिनेश कुमार को जबरन ट्रेन से उतार दिया गया। इसके अलावा उन्हें कटनी पहुंचने तक लावारिश और मानवरहित छोड़ दिया गया। ये जानने के लिए ललितपुर स्टेशन के CCTV की जांच की जा सकती है। ये आचरण का गंभीर उलंघन है और ट्रेन संचालन की सुरक्षा व कार्यप्रणाली दोनों खतरे में डालता है।

ये बेहद चिंताजनक है कि बिना किसी आधिकारिक सूचना के या प्रक्रिया का पालन किए एक ऑन ड्यूटी सरकारी कर्मचारी के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया। इस तरह की हरकतें न केवल प्रोटोकॉल के खिलाफ हैं, बल्कि पूरी तरह से अस्वीकार व निंदनीय हैं। ड्यूटी के दौरान टिकट जांच कर्मी पर हमला करने में शामिल सभी जीआरपी कर्मियों पर कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध है।

ये कदम उठाने को कहा

ADRM परिचालन नंदीश शुक्ला ने ADG जीआरपी को तीन बिंदुओं पर आदेश जारी करने के लिए भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि मारपीट के मामले में शामिल सभी कर्मियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।

• सभी जीआरपी कर्मियों को आवश्यक निर्देश जारी करें कि वह बिना वैध टिकट के ट्रेनों में प्रवेश न करें। विशेषकर तब, जब वह गैर ड्यूटी या परिवार के साथ यात्रा कर रहे हों।

• निर्देश जारी करें कि बिना ड्यूटी पर तैनात रेलकर्मी को बिना उचित प्राधिकार या प्रक्रिया के ट्रेन से नहीं हटाया जाना चाहिए।

ADRM ने की तल्ख टिप्पड़ी

अपर मण्डल रेल प्रबंधक परिचालन नंदीश कुमार ने टीटीई के साथ जीआरपी द्वारा की गई मारपीट के मामले में तल्ख टिप्पणी कर साफ कर दिया कि अब रेलवे इस प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने ADG को लिखे पत्र में कहा कि इस प्रकार की हरकत अनुशासित सेवाओं की छवि को धूमिल करती हैं। साथ ही विभागों के बीच टकराव भी पैदा करती हैं। इस मामले में त्वरित कार्रवाई से रेलवे और जीआरपी के बीच समन्वय बनाए रखने में मदद मिलेगी।



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