नई दिल्ली5 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार (10 जून) को वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए भारत के आर्थिक विकास (GDP) की दर का अनुमान बरकरार रखा है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था FY26 में 6.3% की दर से बढ़ेगी, जबकि पिछले वर्ष यह 6.5% थी। अप्रैल में विश्व बैंक ने 2025-26 के लिए भारत के विकास अनुमान को जनवरी के 6.7% के पूर्वानुमान से घटाकर 6.3% कर दिया था।
PTI के मुताबिक, विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बना रहेगा। साथ ही दुनिया की इकोनॉमी की संभावना को लेकर कहा है कि बढ़ते व्यापार तनाव और नीति अनिश्चितता के कारण इस साल ग्लोबल GDP में गिरावट आने की उम्मीद है, जो 2008 के बाद से सबसे धीमी गति होगी। वैश्विक विकास दर 2025 में 2.3% रहने का अनुमान है।

FY2026-27 में GDP का अनुमान 6.5%
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में भारत की 2026-27 की वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है, जो जनवरी के अनुमान से 0.2% कम है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2025 में SAR में वृद्धि धीमी होकर 5. 8% रहने की उम्मीद है, क्योंकि बढ़ती व्यापार बाधाओं के कारण निर्यात पर असर पड़ रहा है और निवेश कमजोर हो रहा है।
RBI ने भी GDP का अनुमान बरकरार रखा
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में FY26 के लिए इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान 6.3% पर बरकरार रखा था। इससे पहले RBI ने 9 अप्रैल को मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में FY26 के लिए इकोनॉमी ग्रोथ 6.7% से घटाकर 6.5% कर दी थी।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने भी भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया था। IMF के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.2% की दर से बढ़ेगी। इससे पहले IMF ने FY26 में ग्रोथ रेट का अनुमान 6.5% रखा था।

बीते 5 साल का GDP का हाल
- 2020: -5.8% (कोविड-19 महामारी के कारण गिरावट)
- 2021: 9.7% (महामारी के बाद स्ट्रॉन्ग रिबाउंड का संकेत)
- 2022: 7.0% (स्थिर विकास)
- 2023: 8.2% (आर्थिक सुधार जारी)
- 2024: 6.5% (ग्रोथ में कमी का अनुमान, फिर भी मजबूत वृद्धि)
GDP क्या है?
इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।
इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।
ये खबर भी पढ़ें…
भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: जापान को पीछे छोड़ा, 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचेगा

भारत आधिकारिक तौर पर जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। भारत ने यह उपलब्धि अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी के कारण हासिल की है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF के आंकड़ों का हवाला देते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत जापान से बड़ा है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं।” पूरी खबर पढ़ें…
Ravi Shastri on Virat Kohli’s Test retirement: ‘If I had anything to do with it, I would have made him captain after Australia’