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होंडा ने 92,672 गाड़ियां वापस बुलाईं:  2017 से 2018 के बीच बनी कारों के फ्यूल पंप में खराबी, फ्री में पार्ट्स बदलेगी कंपनी

होंडा ने 92,672 गाड़ियां वापस बुलाईं: 2017 से 2018 के बीच बनी कारों के फ्यूल पंप में खराबी, फ्री में पार्ट्स बदलेगी कंपनी


नई दिल्ली5 दिन पहले

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होंडा कार्स ने आज (26 अक्टूबर) तकनीकी खराबी के कारण 90 हजार से ज्यादा गाड़ियों को वापस बुलाया है। इनमें अमेज सबकॉम्पैक्ट सेडान, ब्रियो हैचबैक, BR-V SUV, सिटी कॉम्पैक्ट सेडान, जैज प्रीमियम हैचबैक और WR-V सबकॉम्पैक्ट SUV शामिल हैं। होंडा ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।

जापानी कार कंपनी के इस रिकॉल में जून-2017 से अक्टूबर-2018 के बीच बनाए गए मॉडल शामिल हैं। होंडा ने मार्केट रेग्युलेटरी को बताया कि, भारतीय बाजार में बेची गई 92,672 गाड़ियों के फ्यूल पंप में खराबी मिलने के कारण रिकॉल किया है। इनमें 2,204 गाड़ियां वे भी हैं, जिनमें फ्यूल पंप रिप्लेस्मेंट के रूप में पहले भी बदले गए थे।

खराब पार्ट्स फ्री में बदलेगी कंपनी होंडा का कहना है कि इन कारों में खराब इम्पेलर वाला फ्यूल पंप हो सकता है, जिससे इंजन या तो बंद हो सकता है या स्टार्ट होने में परेशानी आ सकती है।

कार निर्माता 5 नवंबर से अलग-अलग फेज में ग्राहकों से संपर्क करेगी। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

ग्राहक होंडा कार्स इंडिया की वेबसाइट पर सर्विस टैब के माध्यम से प्रोडक्ट अपडेट/रिकॉल पेज पर जाकर अपनी कार का VIN देकर जांच सकते हैं कि उनकी गाड़ी रिकॉल में शामिल है या नहीं।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले

  • 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
  • 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
  • 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
  • 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
  • 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।

रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

खबरें और भी हैं…



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