‘मैं तो पहले ही कह रहा था कि सभी पहलवान मोटिवेट हैं। ये लोग मेरे ऊपर आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर मैं साक्षी मलिक की किताब पर ऑन-कैमरा बोलूंगा, तो उसकी किताब की खूब बिक्री होगी। इसीलिए मुझे ऑन-कैमरा कुछ नहीं बोलना। इन्होंने जो
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यह बात कैसरगंज के पूर्व भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मंगलवार को गोंडा में कही।
बृजभूषण के बयान पर विजेता साक्षी मलिक ने कहा- बृजभूषण के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी है, कोर्ट में केस चल रहा है। मेरा स्टैंड अभी भी वही है। मुझे किसी चीज का लालच नहीं है।
उन्होंने कहा- कांग्रेस में शामिल होना विनेश का निजी फैसला है। हमारे पास सबूत भी हैं, तो इसमें झूठ कहां है? यह कहना बिल्कुल गलत है कि विरोध प्रदर्शन इसलिए शुरू किया गया, क्योंकि वे कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। मुझे खुशी है कि मैं रेलवे, खेल के लिए काम कर रही हूं। मुझे किसी पद का लालच नहीं है। न ही मुझे राजनीति का लालच है।
दरअसल, हरियाणा की ओलिंपियन रेसलर साक्षी मलिक की ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ में हुए खुलासों के बाद विवाद शुरू हो गया है। इसमें साक्षी मलिक ने दावा किया कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने लालच में आकर एशियाई गेम्स-2023 के ट्रायल्स में छूट ली। जिससे भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद बृजभूषण के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट के विरोध में पहलवान आंदोलन की छवि खराब हुई।
पहले 10 पॉइंट में साक्षी मलिक की किताब पर बृजभूषण की बात
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- पहलवानों ने कांग्रेस के इशारे पर लालच में आकर के आंदोलन शुरू किया था।
1. भाजपा नेता बबीता फोगाट ने ही दिलाई थी परमिशन
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- पहलवानों ने कांग्रेस के इशारे पर लालच में आकर के आंदोलन को शुरू किया था। इसके लिए परमिशन पहलवानों ने खुद नहीं ली थी, भाजपा नेता बबीता फोगाट ने इन लोगों को दिलाई थी। बबीता फोगाट ने इन लोगों को लालच दिया था कि हम कुश्ती संघ के अध्यक्ष बन जाएंगे या दीपेंद्र हुड्डा बन जाएंगे, तो हम लोगों का कुश्ती संघ पर राज हो जाएगा। लेकिन, हमने ऐसा होने नहीं दिया। हम अगर अपने पद से इस्तीफा दे देते तो ये लोग अपने मकसद में कामयाब हो जाते। मैंने शुरू में ही कहा था, मैं आरोपी बनकर इस्तीफा नहीं दूंगा। यह मामला आज खत्म हो जाए, मैं कल जाकर के देश के सामने इस्तीफा दे दूंगा। मुझे कुश्ती संघ में अध्यक्ष के पद की लालच नहीं है।
2. बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट खेल में छूट चाह रहे थे
मैं शुरू से जूनियर खिलाड़ियों का हक मारने का विरोध कर रहा था। इसको लेकर इन लोगों ने मेरे खिलाफ आंदोलन किया था। मैं जब ज्यादा विरोध करने लगा तो इन लोगों ने मुझे बदनाम करने के लिए, मेरा करियर खत्म करने के लिए षड्यंत्र किया। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट हर खेल में छूट चाह रहे थे। ये लोग चाहते थे कि कुश्ती संघ वही करे जो हम चाहें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साक्षी मलिक ने मेल किया था या नहीं किया था, इसकी मुझे जानकारी नहीं। इन्होंने व्यक्तिगत रूप से हमसे कहा था कि इन दोनों लोगों को खेलों के लिए ट्रायल्स में छूट दे दीजिए, लेकिन हमने उनको भी मना कर दिया था।
3. इन लोगों का आंदोलन स्वार्थ के लिए प्रेरित है
जब ये लोग मेरे खिलाफ पहली बार धरने पर बैठे, तो एक दिन तक लोगों को लगा कि मामले में कहीं ना कहीं सच्चाई है। लेकिन जब मैंने पूरे मामले पर मीडिया के सामने आकर बयान दिया तो लोगों को लगने लगा था कि यहां आंदोलन स्वार्थ के लिए किया जा रहा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। धीरे-धीरे इन लोगों के आंदोलन में कांग्रेस पार्टी के नेताओं का भी आना शुरू हो गया। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने ही बबीता फोगाट से मिलकर इन लोगों को धरने पर बैठने के लिए कहा था।

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट भी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बनना चाहते थे।
4. पूरे षडयंत्र में शामिल थी साक्षी मलिक
जंतर-मंतर पर जाकर साक्षी को प्रोटेक्ट करने की बात नहीं पता चली थी। पहले से इनको जानकारी थी, यह झूठ बोल रही है। ये लोग एक महीने पहले से ही प्रदर्शन करने को लेकर तैयारी कर रहे थे। मुझे जानकारी थी, लेकिन इस तरीके से नहीं थी कि ये लोग मेरे खिलाफ फर्जी आरोप लगाएंगे।
इन लोगों ने कहां कांग्रेस नेताओं और बबीता फोगाट से मिलकर इस आंदोलन करने को लेकर रणनीति बनाई है, उस जगह का नाम भी मुझे पता है। हम समय आने पर उसका भी खुलासा करेंगे। अभी मामला कोर्ट में चल रहा है। किसी ने किसी को फोन करके नहीं बुलाया था। इन लोगों को बबीता फोगाट, दीपेंद्र हुड्डा, भूपेंद्र हुड्डा, बजरंग पूनिया ने ही आंदोलन करने के लिए कहा था।
5. बबीता फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया भी बनना चाहते थे अध्यक्ष
बबीता फोगाट ही अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थीं, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट भी अध्यक्ष बनना चाहते थे। कई बार इन लोगों ने जूनियर खिलाड़ियों से इस बात को लेकर चर्चा भी की अगर बृजभूषण हट जाए तो हम लोग अध्यक्ष बन जाएंगे। आप लोगों की बात सुनेंगे। लेकिन जूनियर खिलाड़ियों ने कहा, बृजभूषण सिंह अध्यक्ष के लिए ठीक हैं। हम आप लोगों का सपोर्ट नहीं करेंगे।
बबीता फोगाट इसीलिए भारतीय जनता पार्टी में गई थीं, क्योंकि वह भारतीय कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाह रही थीं। लेकिन भाजपा ने उनका सपोर्ट नहीं किया। क्योंकि हम जब से कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हैं, कुश्ती को लेकर बहुत काम किया है। बजरंग पूनिया इसलिए अध्यक्ष बनना चाहते थे, क्योंकि वह दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर काम करते थे। दीपेंद्र हुड्डा चाह रहे थे कि बृजभूषण शरण सिंह के पास से भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष पद हट जाए और इसी बहाने हम हरियाणा चुनाव जीत लेंगे।

बृजभूषण शरण सिंह बोले- इस साजिश के पीछे कुछ बड़े उद्योगपति और कुछ बीजेपी नेता भी हैं।
6. आंदोलन की सजिश में कुछ उद्योगपति और भाजपा नेता भी शामिल
इन पहलवानों को मेरे खिलाफ आंदोलन करने के लिए बबीता फोगाट, दीपेंद्र हुड्डा ही नहीं भड़काया, कुछ बड़े उद्योगपति और कुछ बीजेपी नेता भी इसके पीछे हैं। वे लोग मुझे पसंद नहीं करते। उन्हें लगा ये भाजपा से निकल जाएगा और हम लोग अपना दबदबा कायम कर लेंगे। लेकिन, हमने कोई ऐसा काम ही नहीं किया कि पार्टी मुझे बाहर का रास्ता दिखाए।
मैं 7 बार का सांसद हूं। मैं किसी ऐसे काम को नहीं करता कि उसे मेरी और पार्टी की छवि धूमिल हो। यह मुझे पहले से ही पता था कि बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने ही आंदोलन की परमिशन दिलाई थी। बाद में इन लोगों ने कहा था कि पहलवान धरने पर नहीं बैठेंगे, हम ही लोग कांग्रेस पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। लेकिन ये लोग कांग्रेस पार्टी के खिलाफ धरना पर बैठने की बजाय हमारे खिलाफ धरने पर बैठ गए। इन लोगों ने बबीता फोगाट के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को बदनाम किया और पीएम मोदी की छवि खराब की।

बृजभूषण शरण सिंह ने साक्षी मलिक के बयान का समर्थन किया।
7. वजन ज्यादा हुआ तो विनेश फोगाट खेल से बाहर हुईं
बृजभूषण शरण सिंह ने साक्षी मलिक के बयान का समर्थन करते हुए कहा- पेरिस ओलिंपिक में विनेश फोगाट के साथ कोई साजिश नहीं हुई। विनेश फोगाट फर्जी तरीके से भारत सरकार पर आरोप लगा कर बदनाम करने का काम कर रही हैं। 10 ग्राम ही नहीं, अगर 5 ग्राम भी वजन ज्यादा होता तो विश्व कुश्ती संघ खेलने की परमिशन नहीं देता। वजन घटाने के लिए विनेश फोगाट ने कोई काम नहीं किया, सीधा-सीधा भारत सरकार को बदनाम करने का काम किया। जब उनको पता था कि इतना वजन भी ज्यादा होगा तो निकाल दिया जाएगा। उन्होंने वजन क्यों बढ़ाया?
8. लालच में आकर जबरदस्ती दबाव बनाकर ली थी छूट
जब इन लोगों ने मेरे खिलाफ आंदोलन शुरू किया तो सरकार भी दबाव में आ गई थी। क्योंकि, ये देश के पहलवान थे और इन लोगों ने लालच में आकर के सरकार पर दबाव बनाकर एशियन गेम्स 2023 में छूट ली थी। लेकिन ये लोग कामयाब नहीं हुए थे और हमने इस छूट का भी विरोध किया था। जूनियर पहलवानों ने भी विरोध किया था। लेकिन भारत सरकार ने हम लोगों की नहीं सुनी थी।

9. बबीता फोगाट ने समझौते के लिए कई बार हमसे बात की
जब यह पहलवान मेरे खिलाफ धरने पर बैठे थे, तो बबीता फोगाट दोनों तरफ से बैटिंग कर रही थीं। पहले पहलवानों को धरने पर बैठने के लिए परमिशन दिलवाई। जब वे धरने पर बैठ गए, तो वह हमारे पास फोन करके बार-बार समझौता करवाने के लिए कह रही थीं। बबीता फोगाट कह रही थीं कि आप अध्यक्ष पद छोड़ दीजिए, पूरा मामला खत्म हो जाएगा। आपकी बेइज्जती हो रही है, पार्टी की बेइज्जती हो रही है। लेकिन हमने बबीता फोगाट की बात नहीं मानी और मैंने कहा- जब हमने कोई गलत काम किया ही नहीं है तो मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। इस बात को लेकर के बबीता फोगाट भी हमसे नाराज हो गई थीं। फिर उन्होंने दूसरी बार पहलवानों को उकसा कर इतना बड़ा आंदोलन कराया।
10. एडहॉक कमेटी को पहलवान चला रहे थे
आंदोलन के दौरान खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ की गतिविधियों पर रोक लगाते हुए सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद भारत सरकार ने कामकाज देखने के लिए एक एडहॉक कमेटी गठित की थी। एडहॉक कमेटी को कुश्ती के बारे में एबीसीडी भी नहीं पता। यही पहलवान उस कमेटी को चला रहे थे, भारतीय कुश्ती संघ को चला रहे थे।
हमने कई बार मना किया तब जाकर के इन लोगों का हस्तक्षेप खत्म हुआ था। नहीं तो अब तक जूनियर खिलाड़ियों का करियर बर्बाद हो जाता। इस पूरे मामले में जूनियर खिलाड़ियों ने इन प्रदर्शनकारी पहलवान का साथ नहीं दिया था, क्योंकि उनको पता था कि बृजभूषण शरण सिंह उनके साथ कभी गलत नहीं होने देंगे।
अब पढ़िए सबसे पहले साक्षी मलिक की किताब में किए 4 बड़े खुलासे…
1. विनेश-बजरंग ने लालच में आकर ट्रायल्स से छूट ली साक्षी मलिक ने कहा- पहलवानों के आंदोलन के बाद WFI को सस्पेंड कर दिया गया। एडहॉक कमेटी कामकाज देखने लगी। जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी। मुझे भी मेल करने को कहा गया, लेकिन मैंने मना कर दिया। विनेश-बजरंग को कुछ लोगों ने प्रभावित किया। जिससे वे खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट लेने की बात करने लगे।
बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने का अच्छा असर नहीं पड़ा। इससे हमारे विरोध प्रदर्शन की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए, जिसमें कई समर्थकों ने यह सोचना शुरू कर दिया कि हम अपने स्वार्थ के लिए यह विरोध कर रहे हैं।’

दिल्ली में आंदोलन के दौरान बैठीं दाएं से साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट।
2. मुझे जंतर-मंतर जाकर पता लगा, प्रोटेस्ट करने वाले हैं पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर साक्षी मलिक ने कहा- प्रोटेस्ट से 3-4 दिन पहले हमारी एक जगह मीटिंग हुई थी। तब मुझे बबीता फोगाट का फोन आया था कि क्या मैं आ रही हूं। मैंने बजरंग को फोन किया तो बजरंग ने कहा कि मैं भी जा रहा हूं, तू भी आ जा। तब हमें पता चला कि हम ऐसे प्रोटेस्ट करने वाले हैं और इसकी परमिशन बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने दिलाई थी।
वह चाहते थे कि बृजभूषण हटे और हम में से कोई वहां बैठ जाए। हम लड़कियों को इंसाफ मिलने की बात से खुश थे। हमें उम्मीद थी कि 11 बजे हम बैठेंगे और 1 बजे तक हमारी सुनवाई हो जाएगी, लेकिन आंदोलन लंबा चला।
साक्षी मलिक ने कहा- इतना हमने जरूर कर दिया कि अगर कोई सेक्शुअल हैरेसमेंट करेगा तो 100 बार सोचेगा कि कहीं ये भी जाकर आंदोलन ना कर दे। हमारी लड़ाई बहन-बेटियों के लिए थी। इस चीज को खत्म करने के लिए थी जो स्पोर्ट्स में सेक्शुअल हैरेसमेंट होता है।

साक्षी मलिक ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं।
3. विनेश के साथ ओलिंपिक में कोई साजिश नहीं हुई साक्षी मलिक ने कहा कि पेरिस ओलिंपिक में विनेश के साथ कोई साजिश नहीं हुई। 100 ग्राम तो क्या 10 ग्राम ज्यादा होने पर भी युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) का नियम परमिशन नहीं देता। इतना जरूर है कि विनेश ने वजन घटाने के लिए बाल काटे। कॉस्ट्यूम छोटा किया। मैं भी उस दिन विनेश को देखकर दिन में कई बार रोई।
4. ट्यूशन टीचर ने छेड़ा तो लगा यह मेरी ही गलती साक्षी ने कहा- बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक ने मुझसे छेड़छाड़ की। मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी, क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला टीचर मुझे प्रताड़ित करता। वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती, लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी।
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ओलिंपिक में महिला रेसलिंग में देश को पहला मेडल दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक की ओर से अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ में किए गए खुलासों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस विवाद में पहलवानों और उनके पारिवारिक मेंबरों के साक्षी पर पलटवार के बीच हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने दोनों पक्षों को आरोप-प्रत्यारोप से बचने की सलाह दी है। पढ़ें पूरी खबर…