पश्चिम बंगाल2 मिनट पहले
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बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को ममता बनर्जी को पत्र लिखकर केंद्र से मिले पैसे का हिसाब मांगा है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में केंद्र से मिले 1.17 लाख करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा मांगा है। इसके लिए उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेटर लिखा है।
अधिकारियों ने बताया, गवर्नर को जानकारी मिली थी कि राज्य सरकार ने संवैधानिक दायित्व का उल्लंघन करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की कई रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश नहीं की हैं। इसी वजह से उन्होंने लेटर लिखकर रिपोर्ट मांगी है।
इसके अलावा बोस ने राज्य सरकार को CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने की कार्यवाही शुरू करने का भी सुझाव दिया है। साथ ही राज्य की राजकोषीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने का भी आग्रह किया है।
लेटर में उन्होंने फिस्कल डेफिसिट जैसे कुछ मुद्दों को भी उठाया है। राज्य का फिस्कल डेफिसिट 2018-19 में 33,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में करीब 49,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।

बोस ने बढ़ते हुए फिस्कल डेफिसिट और डेप्थ रेश्यो की बात अपने लेटर में कही है।
कुल रेवेन्यू में से अकेले केंद्र ने 1.17 लाख करोड़ दिए लेटर में बोस ने लिखा है कि राज्य सरकार को वित्त आयोग से भी लाभ मिला है। 2023-24 में पश्चिम बंगाल के रेवेन्यू 2.13 लाख करोड़ रुपए में से अकेले केंद्र ने 1.17 लाख करोड़ दिए, जो राज्य के कुल रेवेन्यू का लगभग 55 प्रतिशत था।
बोस ने यह भी कहा कि बंगाल सरकार ने CAG की छह ऑडिट रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में पेश नहीं की हैं। उन्होंने अनुच्छेद 151 के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि इस आर्टिकल के तहत राज्य के खातों से संबंधित CAG की ऑडिट रिपोर्ट गवर्नर को सौंपी जानी चाहिए।
ममता ने केंद्र से बढ़ पीड़ितों के लिए फंड की मांग की थी
20 सितंबर को ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि साल 2009 के बाद से राज्य के निचले इलाके दामोदर और आसपास के इलाकों को भयानक बाढ़ का सामना करना पड़ता है। ममता ने पीएम से इस मामले पर गंभीरता से विचार करने और पीड़ितों के लिए उचित कदम उठाने के लिए फंड की मांग की थी।
इसके पहले भी ममता कई बार केंद्र पर योजनाओं के लिए फंड जारी न करने का आरोप लगा चुकी हैं। उनका कहना है कि नियमों का पालन करने के बाद भी राज्य को ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए फंड नहीं दिया जा रहा है।
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पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा है कि अपराजिता बिल ममता सरकार के कारण पेंडिंग है। उसने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है। इसके बिना बिल को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
राजभवन की ओर से 5 सितंबर को जारी बयान में बताया गया कि ममता सरकार के इस रवैये से गवर्नर बोस नाराज हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल को लेकर ममता सरकार ने कोई होमवर्क नहीं किया। पूरी खबर पढ़ें