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अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा CCI:  आयोग ने जांच में देरी की कोशिशें रोकने की अपील की, कंपनियों पर अविश्वास कानूनों के उल्लंघन का आरोप

अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा CCI: आयोग ने जांच में देरी की कोशिशें रोकने की अपील की, कंपनियों पर अविश्वास कानूनों के उल्लंघन का आरोप


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नई दिल्ली11 मिनट पहले

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कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने सुप्रीम कोर्ट से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच के लिए कानूनी चुनौतियों पर सुनवाई करने की मांग की है। CCI ने कहा कि सैमसंग, वीवो और अन्य कंपनियां हाई कोर्ट की जांच को रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग कोर्ट में चुनौतियां पेश कर रही हैं।

CCI ने 3 दिसंबर को कोर्ट में फाइलिंग दायर की थी, जिसे पब्लिक नहीं किया गया था। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कोर्ट से सैमसंग, वीवो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ वेंडर्स की 23 शिकायतों पर सुनवाई करने का अनुरोध किया, ताकि मामले पर जल्द से जल्द फैसला हो सके।

जांच की प्रोसेस को कमजोर और खराब करना चाहते हैं: CCI

CCI ने कहा कि जांच के निष्कर्षों के बाद से अमेजन, फ्लिपकार्ट, सैमसंग और वीवो के कुछ वेंडर्स ने पांच हाई कोर्ट में लगभग दो दर्जन मुकदमे दायर किए हैं। वेंडर्स ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि जांच को रोका जा सके। साथ ही वे जांच की प्रोसेस को कमजोर और खराब करना चाहते हैं।

यह जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ा रेगुलेटरी चैलेंज

हालांकि, इस मामले पर अब तक अमेजन, फ्लिपकार्ट, सैमसंग, वीवो और CCI की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। यह जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ा रेगुलेटरी चैलेंज है। क्योंकि, इस मार्केट में ई-कॉमर्स की सेल्स 2028 तक 160 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाएगी, जो 2023 में करीब 60 बिलियन डॉलर थी।

अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अविश्वास कानूनों का उल्लंघन किया है

CCI की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने अगस्त में जांच का निष्कर्ष निकाला था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपनी वेबसाइटों पर चुनिंदा वेंजर्स को तरजीह देकर भारत के एंटीट्रस्ट लॉ यानी अविश्वास कानूनों का उल्लंघन किया है।

आयोग ने यह भी पाया कि सैमसंग और वीवो जैसी स्मार्टफोन कंपनियों ने इन दो ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सांठगांठ करके प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन लॉन्च कर उन कानूनों का उल्लंघन किया था।

अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया

अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।

अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CCI की जांच 2020 में शुरू हुई थी

अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CCI की जांच 2020 में शुरू हुई थी, लेकिन इसमें कई बार देरी हुई है। मामले को चुनौती देने के लिए भारत भर में दायर 23 मुकदमों में से ज्यादातर में CCI पर अपनी जांच के दौरान उचित प्रोसेस का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है।

इस मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि आयोग द्वारा दायर 23 मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के अनुरोध पर इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।

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अमेजन-फ्लिपकार्ट से सरकार पूछताछ कर सकती है: विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन का आरोप, जांच के बाद नोटिस भेजने की तैयारी

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को सरकार पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार फॉरेन इन्वेस्टमेंट लॉ के उल्लंघन की जांच के तहत इन कंपनी के अधिकारियों को समन जारी करेगी। हाल ही में इन कंपनियों से जुड़े कुछ सेलर्स पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छापेमारी की थी। आरोप है कि कंपनियां कुछ सिलेक्टेड सेलर्स के जरिए इन्वेंट्री (स्टॉक) पर कंट्रोल रखते हैं। पूरी खबर पढ़ें…



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