हरियाणा के असंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से किसी भी बड़े नेता की ये पहली रैली है।
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कई राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो पिछले दिनों हुई अभद्र टिप्पणियों को लेकर सिरसा सांसद कुमारी सैलजा नाराज हैं। जिसकी वजह से उन्होंने और उनके समर्थकों ने प्रचार से दूरियां बना ली हैं। लेकिन राहुल गांधी किसी भी तरह सैलजा की नाराजगी को दूर करना चाहते हैं और यही कारण भी है कि उन्होंने अपनी पहली चुनावी रैली सैलजा गुट के प्रत्याशी शमशेर सिंह गोगी के क्षेत्र में रखी है। मंच पर आज राहुल के साथ कुमारी सैलजा भी नजर आएंगी।
राहुल गांधी से पहले 23 सिंतबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को घरौंडा में एक जनसभा को संबोधित करने आना था लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उनका ये दौरा रद्द हो गया था।
प्रेस को संबोधित करते हुए राहुल गांंधी।
करनाल में राहुल गांधी का दूसरा दौरा करनाल जिले में राहुल गांधी का ये दूसरा दौरा है। 6 दिन पहले भी वह सुबह करीब 5 बजे अचानक गोगड़ीपुर गांव में पहुंच गए थे। राहुल के इस दौरे की किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी। यहां पर राहुल अमित कुमार के घर पहुंचे थे और उन्होंने उसके परिवार से मुलाकात की थी। बता दें कि अमित कुमार अमेरिका में एक सड़क हादसे में घायल हो गया था जिसके बाद जब राहुल गांधी अमेरिका पहुंचे तो उन्होंने उससे मुलाकात कर उससे वादा किया था कि जब वो भारत पहुंचेंगे तो उसके परिवार से जरूर मिलेंगे। इस वादे को पूरा करने के लिए राहुल गांधी गोगड़ीपुर पहुंचे थे।
गोगड़ीपुर से लौटने के बाद राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस दौरे का वीडियो भी अपलोड किया और बीजेपी को रोजगार के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया था।
वहीं अब राहुल गांधी असंध में शमशेर सिंह गोगी के साथ-साथ अन्य विधानसभाओं के कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील करेंगे।

अमित के परिवार के बच्चों के साथ राहुल गांधी।
पहले हुड्डा गुट और आज सैलजा गुट की रैली करनाल जिले में कांग्रेस की तरफ से दो रैलियां सुनिश्चित की गई। 23 सितंबर को हुड्डा गुट की रैली घरौंडा में थी। जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करना था। अचानक बीमारी के कारण खड़गे रैली में पहुंच नहीं पाए। बाद में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने रैली को संबोधित किया था।
इसमें घरौंडा विधानसभा में टिकट के दावेदार भुप्पी लाठर, अनिल राणा, निशा जोगिंद्र मंच पर नजर नहीं आए थे। माना जा रहा है कि इन लोगों में टिकट कटने से काफी नाराजगी थी। जबकि नरेंद्र सांगवान व अन्य कुछ नेताओं ने मंच साझा किया था।

लोगों का अभिवादन स्वीकार करते पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के अन्य नेता।
2019 में बसपा ने दी थी कांग्रेस को टक्कर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बसपा के बीच में हुआ था। हालांकि जीत कांग्रेस प्रत्याशी शमशेर सिंह गोगी की हुई थी लेकिन बसपा के नरेंद्र राणा महज 1703 वोटों से ही हारे थे। इस चुनाव में बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन कर यहां से नरेंद्र राणा के पुत्र गोपाल राणा को टिकट दिया है जो कि अपना पहला चुनाव लड़ेंगे। वहीं भाजपा ने यहां से योगेंद्र राणा को अपना प्रत्याशी बनाया है।

असंध विधानसभा सीट का इतिहास परिसीमन के बाद 1977 में असंध विधानसभा पर चुनाव हुए। पहले विधायक जनता पार्टी की टिकट पर जोगी राम बने। 1982 और 1987 में लोकदल के मनफूल विधायक चुने गए। इसके बाद कृष्ण लाल ने यहां से 1991 में जनता पार्टी, 1996 में समता पार्टी और 2000 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा और लगातार तीन बार विधायक बनें। 2005 के चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट चली गई। राजरानी विधायक बनी, जो इस विधानसभा की इकलौती महिला विधायक रही हैं।
