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ट्रम्प ने टैरिफ डेडलाइन 1 अगस्त तक बढ़ाई:  जापान-साउथ कोरिया पर 25-25% लगाया; ब्रिक्स देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी

ट्रम्प ने टैरिफ डेडलाइन 1 अगस्त तक बढ़ाई: जापान-साउथ कोरिया पर 25-25% लगाया; ब्रिक्स देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी


वॉशिंगटन डीसी19 मिनट पहले

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अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने ग्लोबल टैरिफ को लेकर को नई तारीखों का ऐलान किया है। सोमवार देर रात वाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलाइन लैविट ने कहा, टैरिफ डेडलाइन को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया है। जापान, दक्षिण कोरिया पर 25%-25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

ट्रम्प ने 12 देशों को पत्र भेजे हैं, जिनमें जापान-कोरिया पर टैरिफ को ही सार्वजनिक किया है। इससे पहले, ट्रम्प ने कहा था, ब्रिक्स अमेरिका विरोधी नीतियां अपना रहा है। उन्होंने चेताया, ये जारी रहीं तो ब्रिक्स और इससे जुड़े देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।

ट्रूथ सोशल पर ट्रम्प ने किसी देश का नाम नहीं लेते हुए कहा, एक्स्ट्रा टैरिफ से किसी देश को बख्शा नहीं जाएगा। ट्रम्प का बयान ऐसे समय पर आया है जब ब्राजील में ब्रिक्स देशों की समिट में टैरिफ का विरोध किया गया था।

चीन बोला- धमकी मत दो

ट्रम्प की टैरिफ चेतावनी का ब्रिक्स के प्रमुख देश चीन ने कड़ा विरोध किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर एक सकारात्मक संगठन है।

निंग ने कहा, चीन किसी भी प्रकार के टैरिफ और ट्रेड वॉर का विरोध करता है। टैरिफ लगाने के नाम पर धमकाना अथवा गैरजरूरी दबाव डालने का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

अमेरिका का दावा- 90 देश ट्रेड डील को तैयार

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का दावा है कि 90 देश अमेरिका के साथ ट्रेड डील करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, डील के ऑफर से वाइट हाउस का मेल इनबॉक्स भर गया है। सभी देश जल्द से जल्द डील करने को तैयार हैं।

10 अप्रैल को हमने टैरिफ पर रोक लगाकर 90 दिन में 90 देशों के साथ ट्रेड डील का लक्ष्य पूरा कर लिया है। ज्यादातर देश अमेरिकी शर्तें मानने के लिए तैयार हैं। बेसेंट के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि स्वस्थ व्यापार हो। किसी भी देश के साथ डील के दरवाजे कभी बंद नहीं होने चाहिए।

भारत-अमेरिका वॉशिंगटन में बातचीत कर रहे

ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ लगाया था, बाद में इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। इसकी डेडलाइन 9 जुलाई 2025 को खत्म हो रही थी, जिसे 1 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

इसे ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिका के बीच भी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। अगर 1 अगस्त से पहले यह समझौता नहीं हुआ, तो भारत पर 26% टैरिफ लागू हो सकता है।

भारत और अमेरिका की टीमें लगातार वॉशिंगटन में बातचीत कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि डील के ज्यादातर हिस्सों पर सहमति बन चुकी है, और 8 जुलाई को इसका ऐलान हो सकता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत राष्ट्रीय हितों को सबसे ऊपर रखेगा।

इस डील से भारत और अमेरिका को क्या फायदा होगा?

जवाब: अगर ये मिनी ट्रेड डील हो जाती है, तो:

भारत के लिए फायदे:

  • टेक्सटाइल, दवाइयां, ज्वेलरी को अमेरिकी बाजार में ज्यादा पहुंच मिलेगी।
  • 26% रेसिप्रोकल टैरिफ हटने से भारतीय निर्यात सस्ता होगा, जिससे व्यापार बढ़ेगा।
  • 2030 तक भारत-अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

अमेरिका के लिए फायदे:

  • पेकान नट्स, ब्लूबेरी, और ऑटोमोबाइल जैसे प्रोडक्ट्स को भारत में कम टैरिफ पर बेचने का मौका मिलेगा।
  • भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे, जो एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को काउंटर करने के लिए अहम है।

दोनों देशों के लिए: ये डील भविष्य में बड़े फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की नींव रख सकती है।

डील में क्या रुकावटें आईं?

जवाब: बातचीत में कुछ बड़े पेंच फंसे थे:

  • कृषि और डेयरी पर असहमति: अमेरिका GM फसलों और डेयरी प्रोडक्ट्स को भारत में बेचने की मांग कर रहा था, लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
  • टैरिफ को लेकर मतभेद: भारत चाहता है कि अमेरिका 26% रेसिप्रोकल टैरिफ और 10% बेसलाइन टैरिफ को पूरी तरह हटाए, लेकिन अमेरिका 10% टैरिफ बनाए रखना चाहता है।
  • ट्रंप का दबाव: ट्रंप ने कहा था कि जो देश 9 जुलाई तक डील नहीं करेंगे, उन्हें टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। भारत ने साफ कर दिया कि वो दबाव में नहीं झुकेगा।

इस डील का जियोपॉलिटिकल असर क्या होगा?

जवाब: ये डील सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, इसका सामरिक महत्व भी है:

  • चीन के खिलाफ रणनीति: भारत और अमेरिका का ये समझौता एशिया-पैसिफिक में चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने का हिस्सा है। क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के तहत दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।
  • रूस और तेल आयात: भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना अमेरिका को खटक रहा है। ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500% टैरिफ का प्रस्ताव रखा है, लेकिन इस डील से भारत को कुछ राहत मिल सकती है।

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यह खबर भी पढ़ें…

आज हो सकता है भारत-अमेरिका मिनी ट्रेड डील का ऐलान:26% टैरिफ से बचने के लिए डील अहम; 9 जुलाई को खत्म हो रही डेडलाइन

भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील का ऐलान आज देर रात तक होने की उम्मीद है। ये डील भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी बाजारों के लिए नए रास्ते खोल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, बाद में इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर…



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