Latest News

उद्धव की शिवसेना के मुखपत्र में मोदी-फडणवीस की तारीफ:  लिखा- CM का फिक्सरों और दलालों का फसल काटने का डिसीजन सही

उद्धव की शिवसेना के मुखपत्र में मोदी-फडणवीस की तारीफ: लिखा- CM का फिक्सरों और दलालों का फसल काटने का डिसीजन सही


  • Hindi News
  • National
  • Uddhav Thackeray; Shiv Sena UBT Saamana Devendra Fadnavis | Eknath Shinde

मुंबई51 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में देवेंद्र फणडवीस मुख्यमंत्री हैं और एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम हैं।

शिवसेना उद्धव के मुखपत्र सामना में प्रधानमंत्री मोदी और महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की गई है। लेकिन डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा गया है। मुखपत्र में महाराष्ट्र के इंफ्रॉस्ट्रक्चर, भ्रष्टाचार और पॉलिटिक्स पर लिखा गया है।

मुखपत्र में लिखा गया- एकनाथ शिंदे का पैसे जमा करने वाला मुख्य व्यक्ति 10 हजार करोड़ लेकर दुबई भाग गया। क्योंकि फडनवीस ने राज्य में गलत काम करने वालों को साफ करने का फैसला लिया है। शिंदे के CM रहने के दौरान हुए काले कारनामों को खत्म करने का पवित्र कार्य शुरू हो गया है।

सामना में लिखा गया है कि CM फडणवीस ने मंत्रियों ने उनके OSD और PS नियुक्त करने का अधिकार छीनकर उचित कदम उठाया है। डिसिप्लिन लाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

सामना में लिखा गया है…

QuoteImage

CM फडणवीस ने जो काम हाथ में लिया है वह आसान नहीं है। क्योंकि फसल पर का दाढ़ी वाला दीमक कह रहा है- मुझे हल्के में मत लो। फिक्सरों के मारे सिक्सर को रोकना ही होगा।

QuoteImage

सामना का पूरा लेख

3 सालों में भ्रष्टाचार का गटर बहता रहा

  • देवेंद्र फडणवीस ने शासन में अनुशासन लाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। पिछले 3 सालों में भ्रष्टाचार का गटर बहता रहा। जिसके चलते महाराष्ट्र जैसे राज्य की राजनीति सड़ गई। आर्थिक अनुशासनहीनता चरम पर पहुंच गई।
  • विधायकों, सांसदों, नगरसेवकों, सच्चे शिवसेना पदाधिकारियों को खरीदने और फिर पालने के लिए आवश्यक धन सड़कों, निर्माण ठेकेदारों, MMRDA, MMRDC, MAHDA, SRA, शहरी विकास विभाग को लूटकर इकट्ठा किया गया।
  • कई लोगों ने लूटे गए पैसे उनकी जेब में आ जाएं इसी उद्देश से दल बदला। धन का यह प्रवाह कहां से आया? यह धन फर्जी टेंडर्स, फर्जी कार्यों, धन आवंटन में कमीशन, लैंड स्कैम, गृहनिर्माण में दलाली जैसे ‘आशर’ तरीकों से जुटाया गया।
  • ताजा खबर है कि शिंदे के मुख्य कलेक्टर (आशर प्रा. लिमिटेड) दस हजार करोड़ रुपए लेकर दुबई भाग गए। अगर शिंदे और उनके लोगों की हालत पतली नहीं हो तो आश्चर्य है।

500 करोड़ का टेंडर 3 हजार करोड़ का, पैसे खाए

  • 500 करोड़ का टेंडर बढ़ाकर 3 हजार करोड़ कर देना। बीच के हजार करोड़ रुपए काम शुरू होने से पहले ले लेना, उसमें से 100-200 करोड़ चेलों में बांट देना और सभी को प्रयाग तीर्थ में गंगा स्नान कराने ले जाना।
  • मंत्रियों ने PA और OSD के जो नाम पास करने के लिए CM के पास भेजे, उनमें से 16 नाम मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर नकार दिए। क्योंकि ये 16 लोग पिछली शिंदे सरकार में मंत्रियों के OSD बनकर दलाली और फिक्सिंग कर रहे थे।
  • इन फिक्सर्स को CM फडणवीस ने खारिज कर दिया। मंत्रियों के PA और OSD नियुक्त करने की शक्तियां छीन लीं। फिक्सर’ की नियुक्ति नहीं होने देने की मुख्यमंत्री की भूमिका उचित है।
  • इन 16 फिक्सरों में से 12 फिक्सरों का सुझाव शिंदे गुट के मंत्रियों ने दिया था। ऐसे फिक्सर की जरूरत मंत्रियों को क्यों होनी चाहिए?
QuoteImage

मंत्री माणिक कोकाटे ने खुले तौर पर स्वीकारा कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें चेतावनी दी थी- अच्छा काम करो, ज्यादा मौज मत करो, नहीं तो घर चले जाओगे।

QuoteImage

मंत्रालयों में दलालों का भरमार, 25 हजार करोड़ की दलाली

  • मंत्रालय तक आम लोगों की पहुंच नहीं है। वहां हमेशा दलालों की भरमार रहती है। मंत्रियों के PA और OSD फिक्सर होते हैं। इसलिए ये दलाल आसानी से मंत्री के कार्यालय तक पहुंच जाते हैं। शिंदे काल में तो मंत्रालय दलालों और फिक्सरों का मेला बन गया था। कोई भी आए ‘टक्का’ रखे और निधि एवं कार्यों की स्वीकृति करा ले जाए।
  • खजाने में खनखनाहट करने पर काम दिया गया। चुनाव के सिर पर आते ही फटाफट विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इन कामों को औपचारिक मंजूरी नही थी, जिसके चलते ठेकेदारों के बिल रखे रह गए।
  • ठेकेदार संगठनों का कहना है कि सरकारी कामों का करीब 90 हजार करोड़ रुपए बकाया है। इस 90 हजार करोड़ में से 25 हजार करोड़ रुपए दलाली के तौर पर लिए जा चुके हैं।
  • विधायकों, सांसदों (शिंदे-अजीत गुट) को खुश करने के लिए उनके दिए कागजातों पर साइन किए गए। ठेकेदारों से करोड़ों रुपए लिए गए। अब फडणवीस सरकार इन सभी कामों पर कैंची चला रही है।
  • शिंदे गुट का गणित ध्वस्त हो गया है। उस पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। जो लोग शिंदे गुट में जा रहे हैं वे या तो ठेकेदार हैं या सीधे लाभार्थी हैं।

तीन में लूट की कई योजनाओं का खुलासा हुआ

  • शिंदे की दौलत को उड़ाने के लिए वे गंगूबाई के कोठे पर जा रहे हैं, लेकिन अगर CM फडनवीस ने भ्रष्टाचार के कोठे और कोठों के दलालों को खत्म करने का जिम्मा उठाया है। तो इन सभी फिक्सरों और दलालों का क्या होगा? तीन साल में लूट की कई योजनाओं का खुलासा हुआ है।
  • एक कंपनी ने MMRDA पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है। यह कंपनी मेट्रो के निर्माण से जुड़ी है। इस कंपनी के बिल जानबूझकर रोके जा रहे हैं।
QuoteImage

विदेशी कंपनियों से कहा जाता है कि उन्हें ‘आका’ का कमीशन मिले बिना बिल नहीं मिलेगा। इससे हमारे देश की बदनामी हो रही है।

QuoteImage

फडणवीस की शिकायत करने शाह से मिले शिंदे

  • फडणवीस के सख्त अनुशासन की शिकायत करने सुबह 4 बजे पुणे में अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे।
  • शिंदे ने शाह से कहा कि फडणवीस हमारे पेट पर मार रहे हैं और अगर विधायकों और सांसदों का पेट खाली रहेगा तो आपकी पार्टी नहीं बचेगी। इसके विपरीत मोदी की भूमिका भ्रष्टाचार मिटाने की है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में घोषणा की बस मुझे पैसे खाने वालों के नाम बताओ, हर एक को सीधा करता हूं। फडणवीस को प्रधानमंत्री मोदी को शिंदे और उनके फिक्सरों के नाम बताने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
  • तीन साल पहले महाराष्ट्र में शिंदे का राज ‘फिक्सिंग’ से ही अवतरित हुआ है। इससे राज्य में फिक्सरों और दलालों की भरपूर पैदावार हुई। मौजूदा मुख्यमंत्री ने इस फसल को काटने का निर्णय लिया है।

शिंदे ने कहा था- मुझे हल्के में मत लीजिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने 21 फरवरी को कहा था, ‘मुझे हल्के में मत लीजिए, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है, उनसे मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं सामान्य पार्टी कार्यकर्ता हूं, लेकिन मैं बाला साहेब का कार्यकर्ता हूं और सभी को मेरी इस बात को समझ लेना चाहिए। जब आपने (विपक्ष) 2022 में हल्के में लिया, तो घोड़ा पलट गया और मैंने सरकार बदल दी। हम आम लोगों की इच्छाओं की सरकार लाए। पूरी खबर पढ़ें…

………………………………..

शिंदे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें….

शरद ने शिंदे का सम्मान किया, उद्धव गुट नाराज; राउत बोले- पवार को कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था

NCP (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने 11 फरवरी को दिल्ली में महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया था। इस पर महाराष्ट्र की राजनीति में हंगामा हुआ। 12 फरवरी को महाविकास अघाड़ी (MVA) में सहयोगी पार्टी शिवसेना (UBT) ने नाराजगी जताई थी। पूरी खबर पढ़ें…



Source link

Share This Post

18 Views
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Advertisement