Latest News

भारत में इस साल 2.39 करोड़ आईफोन बने:  पिछले साल से 52% ज्यादा; ट्रम्प ने इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग न करने की धमकी दी थी

भारत में इस साल 2.39 करोड़ आईफोन बने: पिछले साल से 52% ज्यादा; ट्रम्प ने इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग न करने की धमकी दी थी


  • Hindi News
  • Business
  • Apple Sets New Record: 23.9 Million IPhones Made In India In H1 2025, Exports Soar Amid US Tariff Fears

नई दिल्ली7 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

23 मई को ट्रम्प ने कहा था यदि एपल अमेरिका में आईफोन नहीं बनाएगा तो कंपनी पर कम से कम 25% का टैरिफ लगाया जाएगा।

एपल को ट्रम्प की धमकी के बावजूद अमेरिका में बिकने वाले 78% आईफोन भारत में बन रहे हैं। मार्केट रिसर्चर कैनालिस के मुताबिक 2025 में जनवरी से जून के बीच भारत में 23.9 मिलियन (2 करोड़ 39 लाख) आईफोन बने, जो पिछले साल की तुलना में 53% ज्यादा है।

वहीं रिसर्च फर्म साइबरमीडिया रिसर्च के अनुसार भारत से आईफोन का निर्यात (भारत से विदेश भेजे गए आईफोन) भी बढ़कर 22.88 मिलियन (2 करोड़ 28 लाख) यूनिट तक पहुंच गया है। पिछले साल समान अवधि (जनवरी से जून) में ये भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का आंकड़ा 15.05 मिलियन (1 करोड़ 50 लाख) था। यानी सालाना आधार पर इसमें 52% की बढ़ोतरी हुई है।

कारोबार की बात करें तो 2025 की पहली छमाही में भारत से करीब 1.94 लाख करोड़ रुपए के आईफोन निर्यात किए गए। पिछले साल यही आंकड़ा 1.26 लाख करोड़ रुपए था।

अमेरिका में निर्यात के मामले में चीन को पीछे छोड़ा

2025 के अप्रैल महीने में भारत से अमेरिका को 33 लाख आईफोन्स भेजे गए। वहीं चीन से भेजे मोबाइल की संख्या 9 लाख रही। जिन आईफोन का निर्माण भारत में हुआ, उनमें से 78% अमेरिका में भेजे गए। पिछले साल यह आंकड़ा 53% था।

ट्रम्प ने भारत में आईफोन बनाने पर 25% टैरिफ की धमकी दी थी

ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एपल को 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी।

ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एपल को 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 मई को कहा था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही होनी चाहिए। उन्होंने एपल के CEO टिम कुक को बता दिया है कि यदि एपल अमेरिका में आईफोन नहीं बनाएगा तो कंपनी पर कम से कम 25% का टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा,

QuoteImage

मैंने बहुत पहले एपल के टिम कुक को सूचित कर दिया था कि जो आईफोन अमेरिका में बेचे जाएंगे, वे अमेरिका में निर्मित किए जाएंगे, न कि भारत या कहीं और। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एपल को कम से कम 25% का टैरिफ देना होगा।

QuoteImage

15 मई को कहा था, इंडिया अपना ख्याल खुद रख लेगा

ट्रम्प ने 15 मई को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में एपल CEO के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी थी।

ट्रम्प ने 15 मई को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में एपल CEO के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी थी।

एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए ट्रम्प ने 15 मई को कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। मुझे कल टिम कुक के साथ थोड़ी परेशानी हुई। मैंने उनसे कहा, टिम, तुम मेरे दोस्त हो, तुम 500 बिलियन डॉलर लेकर आ रहे हो, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि तुम पूरे भारत में प्रोडक्शन कर रहे हो। मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में प्रोडक्शन करो।

उन्होंने आगे कहा कि अगर तुम भारत का ख्याल रखना चाहते हो तो तुम भारत में निर्माण कर सकते हो, क्योंकि भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देशों में से एक है। भारत में बेचना बहुत मुश्किल है और उन्होंने हमें एक डील ऑफर की है। इसके तहत वे हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। मैंने टिम से कहा, देखो, हमने वर्षों तक चीन में तुम्हारे द्वारा बनाए गए सभी प्रोजेक्ट्स को सहन किया, अब तुम्हें अमेरिका में प्रोडक्शन करना होगा, हम नहीं चाहते कि तुम भारत में निर्माण करो। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है।

एपल का भारत पर इतना ज्यादा फोकस क्यों, 5 पॉइंट्स

  • सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन: एपल चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड डिस्प्यूट और कोविड-19 लॉकडाउन जैसी दिक्कतों से कंपनी को लगा कि किसी एक क्षेत्र पर ज्यादा निर्भर रहना ठीक नहीं है। इस लिहाज से एपल के लिए भारत एक कम जोखिम वाला ऑप्शन साबित हो रहा है।
  • गवर्नमेंट इंसेंटिव: भारत की मेक इन इंडिया इनिशिएटिव और प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव (PLI) स्कीम्स कंपनियों को लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता देती हैं। इन पॉलिसीज ने फॉक्सकॉन और टाटा जैसे एपल के पार्टनर्स को भारत में ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
  • बढ़ती बाजार संभावना: भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन मार्केट में से एक है। लोकल प्रोडक्शन से एपल को इस मांग को पूरा करने में ज्यादा मदद मिलती है, साथ ही इसकी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ जाती है, जो फिलहाल लगभग 6-7% है।
  • एक्सपोर्ट के लिए अवसर: एपल इंडिया में बने अपने 70% आईफोन को एक्सपोर्ट करता है, जिससे चीन की तुलना में भारत के कम इम्पोर्ट टैरिफ का फायदा मिलता है। 2024 में भारत से आइफोन एक्सपोर्ट 12.8 बिलियन डॉलर (करीब ₹1,09,655 करोड़) तक पहुंच गया। आने वाले समय में इसके और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
  • स्किल्ड वर्कफोर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर: भारत का लेबर फोर्स एक्सपीरियंस के मामले में चीन से पीछे है, लेकिन अभी इसमें काफी सुधार हो रहा है। एपल के फॉक्सकॉन जैसे पार्टनर, प्रोडक्शन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और कर्नाटक में 2.7 बिलियन डॉलर (₹23,139 करोड़) के प्लांट जैसी फैसिलिटीज का विस्तार कर रहे हैं।

ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बनें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बने। ट्रम्प ने एपल के CEO टिम कुक से कहा था कि भारत में फैक्ट्रियां लगाने की जरूरत नहीं है। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है।

एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी ट्रम्प ने गुरुवार (15 मई) को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा।

इसके बावजूद एपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने भारत में 1.49 बिलियन डॉलर (करीब ₹12,700 करोड़) का निवेश किया है। फॉक्सकॉन ने अपनी सिंगापुर यूनिट के जरिए बीते 5 दिन में तमिलनाडु के युजहान टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में यह निवेश किया है।

खबरें और भी हैं…



Source link

Share This Post

13 Views

Leave a Comment

Advertisement