राजधानी में स्कूल वाहनों की मनमानी पर अब परिवहन विभाग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। लापरवाही बरतने वाले 300 स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को एआरटीओ प्रशासन की ओर से नोटिस थमा दिए गए हैं, जिनमें साफ चेतावनी दी गई है कि अगर 15 साल पुराने या
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डीएम के निर्देश के बाद हरकत में आया परिवहन विभाग
यह कार्रवाई 4 जुलाई को जिलाधिकारी द्वारा आयोजित परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक के निर्देशों के बाद शुरू की गई। डीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि स्कूलों में अनफिट वाहनों का संचालन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद गुरुवार को एआरटीओ प्रशासन ने 300 स्कूलों को नोटिस जारी कर सख्ती का संदेश दे दिया।
स्कूलों को कहा – जुलाई के अंत तक करें रजिस्ट्रेशन रद्द
नोटिस में यह भी कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन को जुलाई महीने के अंत तक अपने सभी कंडम (निष्प्रयोज्य) वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। साथ ही हर स्कूल को एक महीने के भीतर अपने स्तर पर परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करनी होगी, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।
प्राइवेट वाहनों पर भी नजर, भेजनी होगी पूरी जानकारी
परिवहन विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर किसी स्कूल में निजी (प्राइवेट) वाहनों से बच्चों को लाया-ले जाया जा रहा है, तो उन वाहनों की जानकारी – वाहन संख्या, प्रकार और फोटो सहित – सात दिन के अंदर विभाग और जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी जाए। ऐसा न करने पर भी कार्रवाई तय है।
एआरटीओ की चेतावनी – अब बख्शा नहीं जाएगा
एआरटीओ (प्रशासन) पी.के. सिंह ने कहा कि,”राजधानी की सड़कों पर 15 साल से पुराने और तकनीकी रूप से अनफिट स्कूल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। नोटिस के बावजूद अगर कोई स्कूल वाहन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।”
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